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Movie Review: निराश करती है 'अजहर'

अच्छी-खासी कहानी का नाश कैसे पीटा जाता है, इसे बॉलीवुड से बेहतर कोई नहीं जानता. बॉलीवुड किसी भी फिल्म को लाने से पहले बड़े-बड़े दावे करता है और उसके बाद खोदा पहाड़ और निकली चुहिया जैसी कहावत ही चरितार्थ होती है. जानें कैसी है अजहर...

नरेंद्र सैनी/पूजा बजाज
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

रेटिंगः 1.5 स्टार
डायरेक्टरः टोनी डी'सूजा
कलाकारः इमरान हाशमी, प्राची देसाई, नरगिस फाखरी, लारा दत्ता और गौतम गुलाटी

अच्छी-खासी कहानी का नाश कैसे पीटा जाता है, इसे बॉलीवुड से बेहतर कोई नहीं जानता. बॉलीवुड किसी भी फिल्म को लाने से पहले बड़े-बड़े दावे करता है, और उसके बाद खोदा पहाड़ और निकली चुहिया जैसी कहावत ही चरितार्थ होती है. बात किसी बायोपिक की हो तो धक्का और भी गहरा लगता है. जिंदगी अजहरूद्दीन जैसे क्रिकेटर की हो और ट्रीटमेंट ऐसा तो वाकई काफी दुख होता है.

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ऐसा ही एहसास 'अजहर' को देखकर होता है. हालांकि फिल्म के शुरू में ही कह दिया गया था कि यह बायोपिक नहीं है और इसे बनाते समय सिनेमा संबंधी कुछ आजादी ली गई है. उसी समय यह एहसास होने लगा था कि फिल्म में लोचा है. वैसे भी लोचा तो ट्रेलर से ही नजर आने लगा था जब इमरान हाशमी दूर-दूर तक न तो अजहर जैसे दिख रहे थे और न ही अजहर का लहजा ही अपने में ला सके थे.

फिल्म की कहानी हैदराबाद के अजहर की है. जिसे बड़ा क्रिकेटर बनना है. वह मेहनत से इस मुकाम को हासिल भी कर लेता है. कामयाबी सिर चढ़कर बोलने लगती है. वह एक सीधी-सादी हसीन बीवी के होते एक हीरोइन से अफेयर कर लेता है. सट्टेबाजी में फंस जाता है. फिर लंबा कोर्ट ड्रामा शुरू हो जाता है. जो वाकई काफी उबाऊ है. अजहर का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. लेकिन डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर दोनों ही उन भावों को पर्दे पर दिखाने में नाकाम रहे हैं.

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अगर एक्टिंग की बात करें तो सभी सितारे बहुत ही कमजोर हैं. अजहर के रोल में इमरान हाशमी पूरी तरह से निराश करते हैं. जैसा कहा जा रहा है कि उन्होंने अजहर के साथ काफी समय बिताया है इस रोल को तैयार करने के लिए, अगर वे इतना समय न भी बिताते तो भी ऐसा ही रोल करते. अजहर का स्टाइल पूरी तरह मिसिंग है और अजहर का बोलने का अंदाज तो एकदम नदारद. खेलने की तो बात ही छोड़ दो!

फिर नरगिस फाखरी के हाथ तो वैसे ही एक्टिंग में तंग है. इस तरह वह संगीता बिजलानी के आस-पास तो कहीं नजर नहीं आती हैं. उनके एक्सप्रेशन और एक्टिंग पूरी तरह निराशाजनक है. फिर जो कैरेक्टर गढ़े गए हैं वह भी सही से सपोर्ट नहीं करते हैं और असल जिंदगी से मिलाने पर तो बिल्कुल भी नहीं. फिर वह चाहें रवि शास्त्री हों या फिर नवजोत सिद्धू. क्रिकेट से जुड़ा एक भी सीन अपील नहीं करता है. सब बहुत ही हल्का है.

अजहर का बजट लगभग 40 करोड़ रु. बताया जा रहा है. इमरान हाशमी की फिल्म है. उनकी अच्छी फैन फॉलोइंग है और वह किसिंग भी कर रहे हैं जो उनके फैन्स को पसंद आता है. गाने भी ठीक हैं. लेकिन कमजोर कहानी, कमजोर निर्देशन और कमजोर एक्टिंग के बावजूद क्रिकेट और इमरान हाशमी के नाम पर फिल्म कितनी आगे जाती है, देखना दिलचस्प होगा.

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