
अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी अपने बॉलीवुड डेब्यू के लिए तैयार हैं. 29 नवंबर को उनकी फिल्म ये साली आशिकी रिलीज हो रही है. हाल ही में उन्होंने इस फिल्म के लिए की गई तैयारी को लेकर बातें की हैं. साथ ही फिल्मों में उनके करियर की शुरुआत को लेकर दादा अमरीश की राय भी साझा की है.
स्पॉटबॉय से बातचीत में वर्धन ने दादा अमरीश का जिक्र करते हुए कहा कि उनके दादा कभी नहीं चाहते थे कि वे (वर्धन) बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में शुरुआत करें. यहां तक कि उन्हें सुभाष घई की फिल्म परदेस में चाइल्ड एक्टर का रोल ऑफर किया गया था लेकिन उनके दादा ने मना कर दिया. वर्धन ने कहा, 'मेरे दादाजी हमेशा बोलते थे कि अपने कला की तैयारी ही इंसान को अभिनेता बनाती है'.
अपनी डेब्यू फिल्म पर बात करते हुए वर्धन ने कहा, 'असल में मैं महेश भट्ट और जयंतीलाल गड़ा के साथ एक पीरियड फिल्म सुल्ताना डाकू करने वाला था. मैं मेल लीड में था और वे लोग मेरे अपोजिट एक फीमेल लीड की तलाश कर रहे थे. हालांकि किसी वजह से फिल्म रिलीज नहीं हो पाई'. उन्होंने यह भी बताया कि ये साली जिंदगी फिल्म में अपने कैरेक्टर में फिट बैठने के लिए उन्होंने 18 महीनों में 10 किलो वजन कम किया है.
दादा को जोर से बात करते सुन पड़ोसी भी दौड़ते चले आते थे
बता दें वर्धन ने बहुत पहले ही फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख लिया था. उन्होंने थिएटर से इसकी शुरुआत की थी. यही वजह है कि वे कैमरे के सामने बिल्कुल सहज हैं. अपने दादाजी के बुलंद आवाज पर एक किस्सा सुनाते हुए वर्धन ने कहा, 'दादा जी जब जोर से बोलते थे तब पड़ोसी दौड़ते हुए घर आते थे ये सोचकर कि कहीं कुछ हो गया है घर पे'. उन्होंने फिल्मों और कैरेक्टर के प्रति दादा अमरीश के डेडिकेशन का भी जिक्र किया. वर्धन ने कहा फिल्म ऐतराज की शूटिंग के दौरान उनके दादा की तबियत ठीक नहीं थी. लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बचे हुए सीन्स की शूटिंग पूरी की.