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पापा के लिए इमोशनल हुए करण,कहा- वो हमें छोड़ कर नहीं जाना चाहते थे

हाल ही में फिल्ममेकर करण जौहर ने अपने परिवार वालों पर एक भावनात्मक लेख लिखा है.

करण जौहर और परिवार करण जौहर और परिवार
हंसा कोरंगा
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

फिल्ममेकर करण जौहर को फिल्म इंडस्ट्री में आए एक लंबा अरसा हो चुका है. आज वो सबसे सफल फिल्म निर्देशकों में शुमार हैं. अपने जीवन और करियर दोनों को संवारने में वो अपने परिवार वालों का पूरा श्रेय देते हैं. हाल ही में करण ने अपने परिवार वालों पर एक भावनात्मक लेख लिखा है.

हिंदुस्तान टाइम्स को लिखे गए लेख में करण कहते हैं कि - ''मेरा जीवन मेरे माता-पिता के इर्द-गिर्द रहा है. वो मेरे लिए सारे जहां के बराबर हैं. मैं आज 40 साल से ज्यादा का हूं और मैं अकेले रहने की सोच भी नहीं सकता. मैं अपने मां-बाप का एकलौता बच्चा था और परिवार के तीन लोगों का सबसे अहम किरदार था.''

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''आज मैं जब परिवारों में लड़ाइयां देखता हूं  बच्चों को अपने मां-बाप से प्रॉपर्टी के लिए लड़ते देखता हूं तो अचंभित रह जाता हूं. मैं मां-बाप के बिना अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकता. मां-बाप ही दुनिया में ऐसे होते हैं जो निस्वार्थ भाव से बिना किसी शर्त के आपसे प्यार करते हैं.''

करण ने कहा कि साल 2004 में मेरे पापा यश जौहर का निधन हो गया था. जब मेरे पापा यश जौहर बीमार थे और मरने की कगार पर थे तो वो अक्सर ये कहा करते थे कि वो हम लोगों को छोड़ कर नहीं जाना चाहते. पापा के निधन के बाद मैं और मेरी मां खूब रोए थे. आज भी जब मैं घर जाता हूं तो कई बार ऐसा होता है कि मेरी मां, पापा की तस्वीर से बात करती हुई मिलती हैं.

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अपनी मां के बारे में बात करते हुए करण ने कहा कि ''मेरी मां हीरू ब्रह्मांड की रानी की तरह हैं. दूसरे मां बेटों की तरह हमारे बीच भी लड़ाइयां होती हैं. पर जितने बार भी ऐसा होता है मेरी आखों से आंसू निकल जाते हैं.  मैं विश्व के किसी भी कोने में रहूं अपने मां की आवाज से मुझे पता चलता है कि वो दुखी हैं, बीमार हैं या अकेली हैं.''

अपने बच्चों के बारे में बात करते हुए करण ने कहा कि, ''खुद के बच्चे होना उनके लिए एक बड़े इमोशनल इनवेस्टमेंट के जैसा है. जिस दिन मेरे पापा का निधन हुआ उस दिन मेरे जीवन से एक प्रकाश का अंत हो गया. जब जीवन में मेरे बच्चे आए तो दो नए नन्हें-नन्हें प्रकाश का जन्म हुआ.''

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