
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई कर्जमाफी के मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. 'एजेंडा आजतक' के मंच पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस को सरकार चलाना नहीं आता है.
उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल के कार्यकाल के दौरान लिए गए कई फैसलों का देश पर दुष्प्रभाव पड़ा. इसमें से कर्जमाफी एक थी. कर्जमाफी के बाद देश में महंगाई की दर 10 फीसदी तक पहुंच गई थी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में महंगाई दर महज 3-4 फीसदी है.
वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि किसानों की समस्या जटिल है. हमने 2008 में भी किसानों का कर्ज माफ किया था. इस बार भी हम कर्ज माफ कर रहे हैं. कर्ज माफी के लिए पैसा कहां से आएगा यह फैसला बाद में लिया जाएगा. किसानों के लिए देश की 90 करोड़ की आबादी को सोचना पड़ेगा.
इससे पहले आजतक के मंच पर ही देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि उन सरकारों को कर्जमाफी करनी चाहिए, जिसके पास सरप्लस पैसा हो. आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद तेलंगाना के पास सरप्लस पैसा था, तो वहां कर्जमाफी सफल हुई, लेकिन पंजाब में कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी कर दी, फिर उसके पास राज्य विकास के लिए सिर्फ 2500 करोड़ रुपए बचे थे. राज्य को आर्थिक मोर्चे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.