
बिहार में 1 अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर वाहवाही लूटने और चुनाव जीतने वाली नीतीश सरकार अब खुद राज्य में विदेशी शराब बेचेन की तैयारी कर रही है. सरकार की नई शराब नीति को लेकर विभागीय चिट्ठी भी जारी हो चुकी है.
दरअसल, बिहार के उत्पाद एवं मद्द निषेध विभाग के आयुक्त ने राज्य के सभी सहायक उत्पाद आयुक्तों को 15 दिसंबर को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें इस बात की संभावना दिख रही कि सरकार अब खुद विदेशी शराब की दुकान खोलने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
उत्पाद आयुक्त ने अधिकारियों को BSBCL को गोदाम और खुदरा दुकान खोलने के लिए भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. चिट्ठी के साथ ही इस ओर एक लिस्ट भी जारी की गई है, जिसमें यह बताया गया है कि राज्य के किस जिले में कितनी दुकानें खोलने का प्रस्ताव है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा से इतर इस चिट्ठी के सामने आने के बाद राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. यह बात ऐसे समय भी सामने आई है, जब सीएम पद की शपथ लेने के बाद सुशासन बाबू ने कहा था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लेकर कोई संशय की स्थिति नहीं है.
...तो क्या सिर्फ देसी पर लगेगी रोक
विभागीय चिट्ठी के सामने आने के बाद उन खबरों को पुख्ता जमीन मिल गई है, जिसमें कहा गया था कि बिहार सरकार राज्य में सिर्फ देसी शराब पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है. एक्साइज विभाग ने भी इस ओर जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें सिर्फ देसी शराब पर बैन का जिक्र है.
दरअसल, यदि राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगता है तो सरकार को 4000 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा होगा. वहीं, अगर ताजा नीति की बात की जाए तो नीतीश सरकार अब विदेशी शराब को होलसेल के साथ रिटेल में भी बेचेगी. एक्साइज कमिश्नर ने आदेश दिए हैं कि जहां भी एक्साइज विभाग की जमीन है वहां बीएसबीसीएल के गोदाम और दुकान खोले जाएं.