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शहाबुद्दीन का साइड इफेक्ट: रघुवंश के बयान से भड़की कांग्रेस, कहा- ...तो गठबंधन छोड़े RJD

कांग्रेस ने महागठबंधन में चल रही बयानबाजी को कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'जिसको रहना है रहे, जिसको जाना है जाए.'

लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • पटना,
  • 13 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST

बिहार में महागठबंधन पर आरजेडी के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की रिहाई का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. जेल से जमानत पर उनके रिहा होने के बाद से ही राज्य में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष के बाद अब बयानों के तीर महागठबंधन के अंदर भी चलने लगे हैं. नीतीश के खिलाफ रघुवंश सिंह के बयान से भड़की कांग्रेस ने जहां साफ शब्दों में कह दिया है कि जिनको दिक्तत है वो गठबंधन छोड़ दें, वहीं आरजेडी प्रसाद ने कहा वह रघुवंश से सफाई मांगेंगे.

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कांग्रेस ने महागठबंधन में चल रही बयानबाजी को कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'जिसको रहना है रहे, जिसको जाना है जाए.' कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सरकार में मंत्री अशोक चौधरी इस दौरान शहाबुद्दीन और आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणी से खासे नाराज दिखे. अशोक चौधरी ने कहा, 'किसी को अगर कोई समस्या है तो मिल बैठकर उसका निदान करना चाहिए न कि मीडिया में बयान देकर. शहाबुद्दीन और रघुवंश प्रसाद सिंह से सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देने वाला बयान दिया है.'

बता दें कि जेल से रिहा होते ही शहाबुद्दीन ने कहा कि नीतीश कुमार न तो उनके नेता हैं और न ही आवाम के. जबकि रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि महागठबंधन ने नीतीश कुमार को नेता चुनाव है, लेकिन वो व्यक्तिगत रूप से उन्हें पसंद नही करते. दोनों ने आरजेडी प्रमुख नेता लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया.

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बर्दाश्त नहीं की जाएगी ऐसी टिप्पणी
बिहार में सत्तासीन महागठबंधन में कांग्रेस तीसरी कड़ी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा, 'किसी के औरा को लेकर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. शहाबुद्दीन की टिप्पणी थी कि नीतीश कुमार अकेले दम पर 20 सीट भी नहीं ला सकते हैं. नीतीश कुमार को हमने चुनाव में चेहरा बनाया. आरजेडी के वोट बैंक का सहारा लिया और कांग्रेस के सहयोग से बड़ी मेहनत से महागठबंधन बनाया. इसका मकसद है बिहार का विकास, लेकिन इस बयानबाजी की वजह से हमारे निचले स्तर के कार्यकर्ता हताश हो रहे हैं जो ठीक नहीं है.

चींटी की तरह काटते रहते हैं रघुवंश: लालू
इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी अपने दल के नेताओं की बयानबाजी से खासे खफा दिखे. खासकर वरिष्ठ नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बयानों से लालू प्रसाद ने कहा, 'बार-बार उन्हें समझाते रहने के बावजूद वो चींटी काटने से बाज नहीं आते हैं. ये बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे हैं.' हालांकि, उन्होंने शहाबुद्दीन के बयान का एक तरह से समर्थन किया और कहा, '11 साल बाद शहाबुद्दीन जेल से बाहर आया है तो नेता बोलेगा ही. पार्टी में वो मुझे नेता मानता है तो क्या गलत है. लेकिन हां, ई भी सच है कि महागठबंधन का नेता नीतीश कुमार है.'

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शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो मास के नेता नहीं हैं. दिलचस्प बात यह है कि लालू प्रसाद ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'किसी के कहने से कोई मास का नेता नहीं होगा.'

मीडिया का बवाल है बयानबाजी
महागठबंधन में चल रही बयानबाजी को उन्होंने मीडिया का बवाल बताया. लालू ने कहा कि हमलोग मिल बैठकर बात करेंगे. मीडिया के माध्यम से बात नहीं होगी. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि महागठबंधन के सहयोगियों पर बयानबाजी से नेता परहेज करें और सहयोगियों को भी ध्यान देना चाहिए कि मीडिया के माध्यम से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक दूसरे से बात नहीं हो सकती है.

सोमवार को जनता दल यूनाइटेड के दो मंत्री ललन सिंह और विजेन्द्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि आरजेडी गठबंधन धर्म का पालन करें. कांग्रेस नेता अशोक चौधरी ने भी जेडीयू नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस को गलत बताया.

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