
90 के दशक में कथित तौर पर चारा घोटाले मामले की जांच के लिए जिन लोगों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, उनमें से एक शिवानंद तिवारी है जो इस वक्त फिर से आरजेडी में शामिल हो चुके हैं. हालांकि, शिवानंद तिवारी मानते हैं कि लालू के खिलाफ जांच की याचिका दायर करना उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी मगर जदयू का मानना है कि लालू आज जिस स्थिति में है, उसके लिए केवल शिवानंद तिवारी ही जिम्मेदार है.
जदयू के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा है कि शिवानंद तिवारी कलयुग के भस्मासुर है, जो जिस किसी के सर पर अपना हाथ रख दे वह खत्म हो जाता है. संजय सिंह ने कहा कि शिवानंद तिवारी आरजेडी में दोबारा इसलिए शामिल हुए हैं ताकि वह इस पार्टी को पूरी तरीके से नेस्तनाबूद कर दें. संजय सिंह ने कहा कि लालू यादव आज के दिन जिस स्थिति में है और जेल में सजा काट रहे है उसके लिए शिवानंद तिवारी जिम्मेदार है.
संजय सिंह का कहना है कि आज भले शिवानंद तिवारी लालू परिवार के शुभचिंतक बन गए हैं, लेकिन इनका मुख्य मकसद लालू परिवार को बिहार की राजनीति से उखाड़ फेंकने का है. शिवानंद तिवारी पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि ना जाने शिवानंद तिवारी लालू परिवार से किस जन्म का बदला ले रहे हैं, पहले उन्होंने ही याचिका दायर करके लालू को जेल भिजवाया और अब मरहम लगा रहे हैं. संजय ने कहा कि ऐसा तो गिरगिट भी अपना रंग नहीं बदलता है जिस तरीके से शिवानंद तिवारी अपना रंग बदल रहे हैं.
23 दिसंबर को रांची की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिए जाने के बाद से ही आरजेडी के बड़े नेताओं ने न्यायाधीश शिवपाल सिंह के फैसले पर सवाल उठाया था. आरजेडी के नेताओं के अनुसार क्योंकि जगन्नाथ मिश्र ब्राह्मण जाति से आते हैं इसलिए न्यायाधीश ने उन्हें बरी कर दिया और क्योंकि लालू यादव पिछड़ी जाति से आते थे इसी वजह से उन को दोषी करार दिया गया. संजय सिंह ने कहा कि जिस तरीके से आरजेडी के नेताओं ने न्यायालय के फैसले पर ओछी टिप्पणी की है, उससे उनके न्यायालय के प्रति द्वेष का पता चलता है.
गौरतलब है कि विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने आरजेडी के 3 नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी और तेजस्वी यादव और कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी किया है और उन्हें 23 जनवरी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा है.