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मनोरमा देवी ने ऐसे तय किया ट्रक ड्राइवर की बेटी से MLC तक का सफर

गया की कोर्ट में सरेंडर करने वाली निलंबित एमएलसी मनोरमा देवी के पिता एक ट्रक ड्राइवर थे. जानिए कैसे मनोरमा यादव ने एक साधारण जिंदगी के बाद राजनीतिक गलियारे से होते हुए जेल तक का सफर तय किया है.

मनोरमा देवी मनोरमा देवी
सुरभि गुप्ता
  • पटना,
  • 19 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST

जनता दल की एमएलसी मनोरमा यादव, नाम तो सुना ही होगा. वही बिंदी यादव की पत्नी, जिसके बेटे रॉकी यादव रोडरेज के दौरान हत्या के मामले में जेल में हवा खा रहा है. पति भी जुर्म में उसका साथ देने की वजह से जेल में है और अब मनोरमा यादव भी जेल की शोभा बढ़ा रही हैं. मंगलवार को ही उन्होंने गया कोर्ट में सरेंडर किया है.

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मनोरमा पर घर में शराब रखने का आरोप
मनोरमा यादव पर पति और बेटे की तरह हत्या करने या साक्ष्य छुपाने का आरोप नहीं है, बल्कि उन पर घर में शराब रखने का आरोप है. मनोरमा यादव इसे राजनैतिक साजिश बताती है यानी पूरा परिवार अभी जेल की शोभा बढ़ा रहा है. खैर ये तो हुई हाल में उनके और उनके परिवार के द्वारा किए गए कारनामे, लेकिन हम बात करेंगे केवल मनोरमा देवी की.

पंजाब से है मनोरमा यादव का संबंध
मनोरमा यादव का संबंध बिहार से नहीं, बल्कि पंजाब से है. उनके पिता एक ट्रक ड्राइवर थे, जिनका गया से गुजरने वाली जीटी रोड से हमेशा आना-जाना लगा रहता था. उसी दौरान वो गया के बाराचट्टी के काहूदाग के पास खाना खाने अक्सर एक ढाबे में रुका करते थे. उसी ढाबे वाली की बेटी थी कबूतरी देवी, जिससे बाद में मनोरमा यादव के पिता हजारा सिंह ने शादी कर ली और केवल शादी ही नहीं, बल्कि वहीं जमीन खरीद कर बस भी गए.

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1970 में हुआ मनोरमा का जन्म
मनोरमा यादव ट्रक ड्राइवर हजारा सिंह और ढाबे वाली कबूतरी देवी की बेटी हैं. मनोरमा यादव का जन्म 1970 में हुआ और यहीं से शुरू हुई मनोरमा की यात्रा, जो राजनीतिक गलियारे से होते हुए जेल तक पहुंची है. बिंदी यादव उस जमाने में उतना कुख्यात तो नहीं था, लेकिन छोटी-मोटी ठेकेदारी करता था और उसका भी अक्सर उस ढाबे पर आना-जाना होता था.

1989 में हुई मनोरमा यादव की शादी
उसी दौरान उसने मनोरमा यादव से 1989 में देवघर में शादी कर ली. बिंदी यादव की यह दूसरी शादी थी, हालांकि मनोरमा यादव इसके लिए तैयार नहीं थी. कहा जाता है कि बिंदी यादव ने जबरन मनोरमा से शादी की, हालांकि इसकी पुष्टि बहुत कम लोग करते हैं. लेकिन इतना तो तय है कि मनोरमा और बिंदी यादव में कभी नहीं पटी. मनोरमा ने कन्या हाईस्कूल बाराचट्टी से मैट्रिक और सोभ कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की.

शादी के बाद चमकी बिंदी यादव की किस्मत
मनोरमा यादव से शादी करने के बाद बिंदी यादव की किस्मत चमकने लगी. 1990 में बिहार में लालू राज कायम हो गया. बिंदी यादव ने अपनी धाक जमाना शुरू किया और देखते ही देखते बिंदी यादव और मनोरमा देवी आसमान छूने लगें. बिंदी यादव उस जमाने में गया का आतंक बन गया था. जल्दी ही उस इलाके का बड़ा ठेकेदार बन गया. पैसों की बरसात होने लगी.

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साधारण जिंदगी से समृद्धि तक का सफर
साधारण परिवार का बिंदी यादव और मनोरमा यादव ऐसे परिवार से आती थीं, जहां मुश्किल से एक वक्त का खाना नसीब होता था, वो परिवार समृद्धि की उंचाई को देखने लगा. मनोरमा यादव की तीन बहन और एक भाई है. बिंदी यादव पर हत्या और अपरहण के दर्जनों केस दर्ज हुए हैं. उस पर सबसे पहला केस साईकिल चोरी का दर्ज किया गया था.

लालू प्रसाद यादव हैं परिवार के आदर्श
इस परिवार का शुरू से ही आरजेडी से जुड़ाव रहा है. लालू प्रसाद यादव उनके आदर्श रहे हैं. 2001 में बिंदी यादव जिला परिषद का अध्यक्ष बना, तो मनोरमा यादव 2001 में मोहनपुर ब्लॉक की प्रमुख बनी. ब्लॉक प्रमुख रहते ही 2003 से 2009 तक मनोरमा यादव आरजेडी की टिकट पर एमएलसी रहीं. बिंदी यादव ने दो बार विधान सभा चुनाव लड़ा. 2005 में निर्दलीय और 2010 में आरजेडी के टिकट पर, दोनों बार उसे हार का सामना करना पड़ा. परिवार की राजनीतिक कहानी यही है.

दबंग स्वभाव की हैं मनोरमा देवी
मनोरमा देवी एक ऐसी महिला है, जो स्वाभाव से दबंग हैं. बिंदी यादव अपराध और हथियार के बल पर इलाके का दबंग बना. लेकिन बिंदी यादव की हिम्मत नहीं कि वो अपनी दूसरी पत्नी मनोरमा देवी के सामने ऊंची आवाज में बात भी करे. इसी साल महिला दिवस के अवसर पर मनोरमा यादव ने महिला सशक्तिकरण जमकर भाषण दिया था.

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