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छत्तीसगढ़ में बढ़ने लगीं सियासी सरगर्मियां, सक्रिय हुए राहुल गांधी और अमित शाह

जैसे जैसे छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव समीप आ रहे हैं, राज्य में वैसे वैसे सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. मुमकिन है कि सितंबर के पहले हफ्ते से ही राजनीतिक रैलियां और आम सभाओं का दौर शुरू हो जाएगा. बीजेपी और कांग्रेस आम मतदाताओं तक पहुंचने के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं.

राहुल गांधी और अमित शाह राहुल गांधी और अमित शाह
सुनील नामदेव/वरुण शैलेश
  • रायपुर,
  • 02 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे को लेकर विचार मंथन कर रही है. राज्य के आधा दर्जन जिलों में आम लोगों से मुलाकात का उनका कार्यक्रम तय है.

राहुल गांधी कांग्रेस के नए पार्टी मुख्यालय का लोकार्पण भी करेंगे. लिहाजा कांग्रेसी नेता उनके दौरे को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 22 अगस्त को छत्तीसगढ़ आएंगे. उनका कार्यक्रम तय हो गया है. दोनों ही पार्टियां अपने राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ बैठक कर पार्टी प्रत्याशियों के चयन और स्टार प्रचारकों के नाम तय करने पर उनकी मुहर लगाएंगी.

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माना जा रहा है कि सितंबर के पहले हफ्ते से ही राजनीतिक रैलियां और आम सभाओं का दौर शुरू हो जाएगा. अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने की संभावनाओं के मद्देनजर दोनों ही पार्टियां आम मतदाताओं तक पहुंचने के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अमित शाह विधान सभा चुनाव 2018 की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ बोरियाकला स्थित पार्टी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के नवनिर्मित एक्सटेंशन बिल्डिंग का शुभारंभ करेंगे. इस दौरान पार्टी कार्यसमिति और कोर कमेटी के सदस्यों से वह मुलाकात करेंगे. इससे पहले शाह 10 जून को अंबिकापुर आए थे. इसमें उन्होंने मिशन 65 प्लस के तहत कई निर्देश दिए थे. इस दौरे में उन निर्देशों की समीक्षा होगी.

पिछले विधान सभा चुनावों 2013 के मुकाबले बीजेपी ने अबकी बार आक्रामक तरीके से चुनाव लड़ने की तैयारी की है. पार्टी टिकट वितरण को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं. इस बात की ज्यादा चर्चा है कि लगभग कई मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरे शामिल होंगे. हालांकि मुख्यमंत्री रमन सिंह पहले ही कह चुके है कि 30 फीसदी नए चेहरों को टिकट दिया जाएगा. साफ है कि बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट काटने की तैयारी चल रही है.

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बसपा से गठबंधन पर विचार

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशों को लेकर रायशुमारी शुरू कर दी है. पार्टी के राज्यसभा सदस्य और छत्तीसगढ़ के पार्टी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह ने रायपुर में कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की और अपनी पार्टी की प्राथमिकताओं से उन्हें अवगत कराया. समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और जनता कांग्रेस जोगी भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. 

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