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छत्तीसगढ़: प्रदूषित पानी से पीलिया की चपेट में आधा रायपुर

रायपुर में लगातार प्रदूषित पानी की वजह से पीलिया पीड़ित मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. सरकारी और गैर-सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े है. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां के ज्यादातर इलाकों में पूरी की पूरी आबादी ही नगर निगम से मुहैया होने वाले पानी पर निर्भर है.

डॉ. भीम राव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर डॉ. भीम राव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 03 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

छत्तीसगढ़ के रायपुर में पीलिया की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों में तांता लगा हुआ है. रायपुर शहर की आधी से ज्यादा आबादी इस बीमारी की चपेट में है. खासकर झुग्गी-झोपड़ी से लेकर रायपुर शहर की पुरानी बस्तियों में पीलिया की बीमारी ने अपने पैर पसार लिए है. इन इलाकों में पीने के पानी की पाइपलाइन 40 से 50 साल पुरानी है. यही नहीं, कुछ सालों पहले बिछाई गई पाइप लाइन भी गुणवत्ता विहीन होने के चलते टूटफूट गई है. इससे वाटर सप्लाई लाइन में गंदगी की आपूर्ति होने से लोगों को प्रदूषित पानी मुहैया कराया जा रहा है.

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इस प्रदूषित पानी ने बड़ी तादाद में लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. जिस वजह से ज्यादातर लोग पीलिया की चपेट में आ गए है. जबकि कई ऐसे लोग भी है जो उल्टी और दस्त से पीड़ित है. मेयर, पार्षद, नगर निगम सभापति और कलेक्टर के पीलिया प्रभावित इलाकों के दौरे के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल पाई है. प्रशासन अब उन इलाकों में स्वास्थ शिविर लगाने की तैयारी में है.

रायपुर में लगातार प्रदूषित पानी की वजह से पीलिया पीड़ित मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. सरकारी और गैर-सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं. दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां के ज्यादातर इलाकों में पूरी की पूरी आबादी ही नगर निगम से मुहैया होने वाले पानी पर निर्भर है.

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बता दें, इन इलाकों के कई हिस्सों में सीवर लाइन और वॉटर सप्लाई लाइन एक साथ बिछाई गई है. लेकिन कई इलाकों में कमजोर और टूटफूट हो चुकी वाटर सप्लाई लाइन में सीवर की गंदगी आने से पानी प्रदूषित हो गया है और वही प्रदूषित पानी आम जनता तक पहुंच रहा है. लोगों के उस पानी को साफ-सुथरा और छान कर पीने के बावजूद भी वो नुकसानदायक साबित हो रहा है.

घर-घर में पीलिया और उलटी दस्त से ग्रस्त मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. रायपुर में निवासरत राज्य के PWD मंत्री राजेश मूणत और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को पीड़ितों ने नगर निगम से सप्लाई होने वाले पीने के पानी को बोतल में बंद कर उन्हें सौंपा. पीला और मटमैला पानी देख कर मंत्री जी भी हैरत में पड़ गए. उन्होंने अफसरों को पीने योग्य साफ पानी मुहैया कराने के निर्देश दिए. लेकिन मामला जस का तस रहा.

मिली जानकारी के मुताबिक 24 घंटे गुजर जाने के बावजूद भी लोगों को साफ पानी मुहैया नहीं कराया गया है. नगर निगम के कर्मी यह खोज पाने में भी कामयाब नहीं हो पाए कि आखिर पाइप लाइन के किस हिस्से से गंदगी का प्रवेश हो रहा है.

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रायपुर के एक दर्जन से ज्यादा वार्डों में गंदे पानी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. गुढ़ियारी, चंगोराभांटा, फाफाड़ीह, संतोषी नगर, श्रीनगर, कबीर नगर, बोरियाकला और भाटागांव इलाकों में हालात सबसे खराब है. गुढ़ियारी इलाके में पीलिया से पीड़ित एक महिला की मौत हो चुकी है, जबकि चंगोराभांटा इलाके में हेपेटाइटिस ई से ग्रस्त 110 मरीज पाए गए हैं. गुढ़ियारी में इ-कोली बैक्टेरिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या 65 तक आ पहुंची है.

सदर बाजार और कमासी पारा इलाके में आधी से ज्यादा आबादी पीलिया से पीड़ित है. रामकुंड इलाके में पीलिया से पीड़ित 572 मरीजों ने सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज कराया. यही हाल चंगोराभांटा इलाके का है. इस इलाके में 290 मरीजों ने मेकाहारा अस्पताल में अपना इलाज करवाया. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में भी पीड़ितों का तांता लगा हुआ है.

इस हाल पर रायपुर के मेयर प्रमोद दुबे ने दावा किया है कि वॉटर सप्लाई लाइन में जहां भी लीकेज पाया जा रहा है उससे सुधारने का काम जोरों पर है. उनके मुताबिक हालात पर जल्द काबू पा लिया जाएगा.

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