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गरीबों का राशन खुले बाजार में बेचकर मुनाफा कमा रहे दुकानदार

कलेक्टर के निर्देश के बाद रायपुर जिले की करीब तीन दर्जन पीडीएस की दुकानों में खाद्य सामग्री में बड़े पैमाने पर हेरा फेरी उजागर हुई है.

पीडीएस दुकानों में सामने आई हेरा फेरी पीडीएस दुकानों में सामने आई हेरा फेरी
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

रायपुर में पीडीएस (पब्लिक ड्रिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) की दुकानों में बड़े पैमाने पर खाद्य सामग्री और केरोसिन ऑयल की हेरा फेरी सामने आई है. राशन की दुकान चलाने करने वाले लोग ही गरीबों का राशन खुले बाजार में बेचकर सीधा मुनाफा अपनी जेब में डाल रहे हैं. शिकायतों के बाद जब स्टॉक की जांच हुई तो कई राशन की दुकान के संचालकों ने स्टॉक रजिस्टर ही गायब कर दिया.

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कलेक्टर के निर्देश के बाद रायपुर जिले की करीब तीन दर्जन पीडीएस की दुकानों में खाद्य सामग्री में बड़े पैमाने पर हेरा फेरी उजागर हुई है. हालांकि कलेक्टर के निर्देश के बाद शंकर नगर इलाके की पीडीएस शॉप संचालक के खिलाफ खाद्य सामग्री की अफरा-तफरी का मामला दर्ज किया गया है. खाद्य विभाग ने धारा 3-7 EC के तहत नमक, चावल और केरोसिन ऑयल का स्टॉक गायब होने का मामला भी रजिस्टर किया है.

छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों के जरिये निम्न आय वर्ग के लोगों को रिआयती दरों पर खाद्य सामग्री मुहैया कराई जाती है. यहां का पीडीएस सिस्टम देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन अब इस सिस्टम पर दीमक लग चुकी है. गरीबों के लिए मुहैया होने वाला सरकारी अनाज सुनियोजित रूप से खुले बाजार में मुहैया हो रहा है. इसका मुख्य कारण फर्जी राशन कार्ड का बड़े पैमाने पर जारी होना बताया जा रहा है. अकेले रायपुर में 30 हजार फर्जी राशन कार्ड प्रचलन में हैं. हालांकि पिछले तीन सालों में लगभग साढ़े तीन हजार राशन कार्ड प्रशासन निरस्त कर चुका है. इसके बावजूद भी सरकारी खाद्य सामग्री की खुलेआम हेरा फेरी हो रही है.

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पीडीएस की दुकानों से निम्न आय वर्ग के लोगों को मात्र 35 रुपये में 35 किलो तक चावल मिलता है. इसके अलावा दाल, गेहू, चना, नमक और दूसरी खाद्य सामग्रियां भी उपलब्ध होती हैं. पीडीएस की दुकानों से जुड़े कई संचालक इस सामग्री का बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बेच रहे हैं. जिससे उनको जमकर मुनाफा होता है. मसलन पीडीएस की दुकानों से मुहैया होने वाला 1 और 2 रुपये प्रति किलो वाला चावल खुले बाजार में व्यापारी 15 से 20 रुपये प्रति किलो में खरीद लेते हैं. यही हाल दूसरे खाद्य पदार्थों का भी है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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