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रवीश पाल सिंह, दिल्ली @ReporterRavish
साउथ दिल्ली की मेयर कमलजीत सहरावत ने दिल्ली सरकार पर 351 सड़कों के नोटिफिकेशन के मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. इस बारे में कुछ आंकड़े साउथ एमसीडी के नेताओं ने आज सामने रखे.
साउथ दिल्ली की मेयर कमलजीत सहरावत और स्थाई समिति अध्यक्ष भुपेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार 351 सड़कों की व्याव्यावसायिक/मिक्सड यूज के रूप में अधिसूचना जारी करने में देरी कर रही है और इस मुद्दे को लटका कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है. सहरावत ने कहा कि जिस तरह निगम द्वारा किये गए सर्वे और निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के साथ दिल्ली सरकार को 2183 सड़कों की अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया गया था और सरकार ने 10 दिन के भीतर 15 सितम्बर 2006 को बिना कोई शर्त लगाए अधिसूचना जारी कर दी थी.
उसी तरह 351 सड़कों की भी अधिसूचना जारी की जानी चाहिए. अन्य 355 सड़कों की अधिसूचना बिना किसी शर्त के 12 अप्रैल 2007 को दिल्ली सरकार ने जारी कर दी थी. यह अधिसूचना भी निगम द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर की गई थी. महापौर ने कहा कि 351 सड़कों के बारे में 2007 में निगम द्वारा प्रस्ताव पारित किये जाने और दिल्ली सरकार को भेजे जाने के बाद 10 साल में भी अधिसूचना जारी नहीं की गई.
सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले प्रस्ताव भेजे जाने पर विचार करते हुए आपत्ति व्यक्त क्यों नहीं की? उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ऐसी अधिसूचना जारी करने में पहले अपनाई जा रही प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं कर रही, जबकि निगम के प्रस्ताव में यह स्पष्ट है कि उसने सर्वे किया है और इससे पहले सड़कों की अधिसूचना जारी करने के लिए 90 दिन के भीतर ऐसे कोई सवाल नहीं किये गए थे. दिल्ली सरकार का एक मात्र कार्य है कि 351 सड़कों की अधिसूचना जारी करें. ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार सोच समझ कर अधिसूचना जारी करने में देरी कर रही है.
आम आदमी पार्टी अपने फायदे के लिए सीलिंग के हालातों का इस्तेमाल कर रही है. स्थाई समिति अध्यक्ष भुपेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार व्यापारियों को गुमराह करते हुए ये बताना चाहती है कि मौजूदा हालात के लिए एमसीडी जिम्मेदार है, जबकि एमसीडी ने 2007 और 2009 में सदन में पारित प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेज दिया था.
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