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'आज तक' की खास पड़तालः डेंगू से निपटने के लिए कितने तैयार सरकारी अस्पताल?

दिल्ली सरकार ने डेंगू से सीजन की पहली मौत के बाद डेंगू की जांच और इलाज के लिए सभी अस्पतालों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. 'आज तक' ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लिया.

दिल्ली में फिर डराने लगे हैं डेंगू के मच्छर दिल्ली में फिर डराने लगे हैं डेंगू के मच्छर
केशव कुमार/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

बारिश के साथ ही डेंगू का डंक धीरे धीरे राजधानी में अपने पैर पसार रहा है. दिल्ली सरकार ने डेंगू से सीजन की पहली मौत के बाद डेंगू की जांच और इलाज के लिए सभी अस्पतालों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. 'आज तक' ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लिया.

हमने तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लिए रिजर्व बेड्स और फीवर क्लीनिक के इंतजामों की पड़ताल की. हालांकि अभी डेंगू के मामले बहुत कम हैं, लेकिन पिछले साल की तरह अगर डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ती है तो क्या सरकारी अस्पतालों में वो इंजताम हैं, जिसका दावा सरकार कर रही है. यही जानने के लिए हम राजधानी के तीन बड़े अस्पतालों में पहुंचे.

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एलएनजेपी और जीटीबी जैसे बड़े अस्पतालों में नहीं दिखा डेंगू के डंक से लड़ने का खास इंतजाम
दिल्ली सरकार के दावों की पड़ताल करने हम दिल्ली के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में पहुंचे. सबसे पहले हमने राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों का रुख किया. नाम है लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल. 'आज तक' की टीम इस अस्पताल के अलग-अलग वार्डों में गई. हमने डेंगू के लिए बनाए गए खास वार्ड का जायजा लेना चाहा, लेकिन एलएनजेपी अस्पताल में हमें कहीं कोई डेंगू वार्ड या फीवर क्लिनिक नहीं दिखाई दिया.

वॉर्ड 31 और 32 में बुखार पीड़ितों को शिफ्ट किया जा रहा था. अस्पताल की नर्स से बात करने पर पता चला कि डेंगू के लिए कोई वार्ड अभी नहीं बनाया गया है. एलएनजेपी अस्पताल के एडिशनल मेडिकल सुप्रीटेंडेंट सुनील कुमार के मुताबिक, ‘अस्पताल में करीब 300 बेड फीवर और डेंगू मरीजों के लिए हैं. लेकिन फिलहाल इन सभी बेड्स को किसी ना किसी जरुरतमंद मरीज को दे दिया गया है. एलएनजेपी अस्पताल में अबतक सिर्फ 2 ही केस पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्हें इलाज के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. लिहाजा जैसे-जैसे मामले सामने आएंगे, बेड्स और फीवर क्लीनिक के लिए विशेष इंतजाम कर दिया जाएगा.’

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कुछ ऐसा ही हाल पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित जीटीबी अस्पताल में था. डेंगू से निपटने के लिए जो आदेश दिल्ली सरकार ने दिए हैं, उसकी कोई खास तैयारी नहीं दिखी. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार का तर्क है कि फिलहाल पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मामले कम हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए जीटीबी अस्पताल में 200 बिस्तर वाला डेंगू का वार्ड अलग हैं.

जब 'आज तक' की टीम ने 200 बिस्तर वाला डेंगू वार्ड तलाशने की कोशिश की तो हर वार्ड में सिर्फ मरीज ही मरीज नजर आए. हमें कोई खास डेंगू वार्ड नहीं दिखा. हालांकि अस्पताल में 15 से 20 बिस्तर का एक फीवर क्लिनिक ही नजर आया और उसमें भी मरीज नजर आए.

गौरतलब है कि जीटीबी अस्पताल में अप्रैल से अब तक डेंगू के संदेहात्मक 29 मामले दर्ज हुए हैं. मतलब साफ है कि सरकारी अस्पतालों में पहले से ही बेड्स की कमी है ऐसे में 10 से 20 फीसदी बेड्स डेंगू या फीवर के मरीजों के लिए रिजर्व रखना अस्पतालों के लिए एक बड़ी चुनौती है.

लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में स्थिति बेहतर
पूर्वी दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में एलएनजेपी अस्पताल से बेहतर इंतजाम नजर आए. एलबीएस के दूसरी मंजिल पर एक विशेष डेंगू वार्ड तैयार है. करीब 12 बेड वाले इस वार्ड में अभी 9 मरीज हैं, जो बुखार या फिर सस्पेक्टेड डेंगू से पीड़ित है. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ योगेश कुशवाहा ने बताया कि जुलाई के महीने में डेंगू के करीब 14 मामले पॉजीटिव पाए गए. हालांकि इनमें से सभी इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए.

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डॉ. योगेश के मुताबिक अस्पताल में डेंगू से निपटने के लिए जरूरत पड़ते ही एक अलग फीवर क्लीनिक खोल दिया जाएगा, जिसमें सिर्फ बुखार के मरीजों की जांच होगी. क्योंकि फिलहाल मामले कम हैं इसलिए अभी अलग फीवर क्लीनिक की व्यवस्था नहीं की गई है. प्लेटलेट काउंट से लेकर एलिजा टेस्ट तक सभी जांच की सुविधा अस्पताल में मौजूद है. हालांकि मरीज बढ़ने की स्थिति में पैरामैडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की कमी हो जाती है, लेकिन इसके लिए सरकार आउटसोर्सिंग कर मैनपावर मुहैया कराती है. फिलहाल डेंगू के मामले बहुत ज्यादा नहीं है.

दिल्ली सरकार का दावा- डेंगू से निपटने की तैयारी पूरी
दिल्ली के अस्पतालों में अब तक डेंगू के 119 मामले सामने चुके हैं. पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 29 नए मामले दर्ज हुए हैं. लिहाजा सरकार ने डेंगू से निपटने के लिए खुद एहतियात के तौर पर दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अगले तीन महीने के लिए डेंगू के मरीजों के लिए 10 से 20 फीसदी अतिरिक्त बेड का इंतजाम करने को कहा है. इन अतिरिक्त बेड का इस्तेमाल सिर्फ डेंगू या बुखार के मरीजों के लिए किया जाएगा. 300 से ज्यादा फीवर क्लीनिक के साथ मोह्ल्ला क्लिनिक को भी डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया है.

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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सरकार डेंगू से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. सभी सरकारी अस्पतालों में नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है. डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट्स टेस्ट 50 रुपये और एलिजा यानी डेंगू टेस्ट 600 रुपये फिक्स कर दिया गया है. अगर कोई अस्पताल या लैब टेस्ट के लिए मरीजों से ज्यादा चार्ज करते पाए गए तो शिकायत मिलने पर उन पर सख्त कार्रवाई होगी.

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