
दिल्ली सरकार में मंत्रियों के संसदीय सचिव का पद संभालने वाले आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर चुनाव आयोग का कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. इन विधायकों को आयोग ने नोटिस भेजकर अपना लिखित जवाब और उसे सपोर्ट करने वाले दस्तावेज 16 अक्टूबर तक जमा करने को कहा है.
आयोग की ओर से भेजे नोटिस में कहा गया है कि उनके खिलाफ 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 तक यानी आयोग में शिकायत आने और कार्रवाई शुरू होने तक संसदीय सचिव का काम संभाला था. लिहाजा उनके खिलाफ सुनवाई हुई. पांच बार विधायकों के खिलाफ आई इस शिकायत की सुनवाई आयोग में हुई.
15 नवंबर, 22 नवंबर, सात दिसंबर, 16 दिसंबर और 27 मार्च को चुनाव आयोग के मुख्यालय में सुनवाई हुई. इसके बाद 23 जून 2017 को आयोग ने आदेश देकर विधायकों से लिखित जवाब मांगा था. कुछ विधायकों ने तो जवाब भेजे लेकिन कुछ ने अब तक जवाब नहीं भेजे हैं. आयोग ने दिल्ली सरकार के सचिव के दफ्तर से मिले दस्तावेज और अन्य कोई सपोर्टिव दस्तावेज हों तो भेजने को कहा है. ताकि इस बारे में कार्रवाई तेज की जा सके.
इस दौरान कानूनी घेरे में आए विधायकों ने अपने आपको निर्दोष बताते हुए कहा कि उनको तो पता ही नहीं था कि ये पद लाभ का है. उन्होंने इस पद पर रहते हुए कोई लाभ नहीं लिया. अब आयोग ने इन विधायकों को अंतिम मौका दिया है कि वो अपना लिखित जवाब आयोग को पांच प्रतियों में दें. जवाब की एक प्रति शिकायतकर्ता प्रशांत पटेल को भेजने का आदेश भी आयोग ने दिया है.