
दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने बुधवार को केजरीवाल सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दफ्तर पर छापेमारी की है. यह छापेमारी बीआरटी कॉरिडोर तोड़े जाने के मामले में हुई है.
एसीबी चीफ मीणा से बीजेपी नेताओं ने की शिकायत
बीजेपी विधायक ओ पी शर्मा की शिकायत पर एसीबी ने यह कार्रवाई की है. शर्मा के साथ मिलकर बीजेपी नेता विवेक गर्ग ने
एसीबी चीफ एमके मीणा से मिलकर और बीआरटी कॉरिडोर तोड़ने के काम में अनियमितता की शिकायत की थी.
बीजेपी ने की थी जांच की मांग
बीजेपी का आरोप है कि इस काम में ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा भुगतान किया गया. जांच होने पर इस मामले
में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आएगा.
सूचना के अधिकार के तहत मिली धांधली की जानकारी
दोनो नेताओं ने कहा था कि सूचना के अधिकार के तहत उन्हें जानकारी मिली है कि बीआरटी कॉरिडोर तोड़ने के लिए
पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार को लगभग 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. साथ ही कॉरिडोर टूटने से निकलने वाला लोहा, स्टील
समेत सारा स्क्रैप भी ठेकेदार को दे दिया गया.
शीला दीक्षित के कार्यकाल में बना था कॉरिडोर
गौरतलब है कि शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान मूलचंद से लेकर अंबेडकर नगर तक 5.8 किलोमीटर लंबा बीआरटी
कॉरिडोर बनाया गया था. केजरीवाल सरका र मानती है कि बीआरटी कॉरिडोर अच्छा कांसेप्ट तो है लेकिन सही जगह पर लागू
नहीं किया गया. इससे जाम की दिक्कत बढ़ गई थी. इस वजह से इसे तोड़ने का फैसला किया गया है.
केजरीवाल सरकार ने पूरा किया पहले चरण का काम
इस मामले में केजरीवाल सरकार ने पहले चरण का काम पूरा कर लिया है. दूसरे चरण में इस रोड से हटाए गए बस स्टैंड को
फिर से बनाया जाएगा. इसके बाद तीसरे चरण में पांच सब-वे बनाए जाने की योजना है.