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दिल्ली विधानसभा में दुकानों की सीलिंग के मुद्दे पर AAP और BJP विधायकों का हंगामा

दोपहर 2 बजे सदन की शुरुआत के साथ ही आम आदमी पार्टी के विधायक पोस्टर और बैनर लेकर बीजेपी विधायकों के सामने पहुंच गए. 'आप' विधायक बीजेपी शासित एमसीडी से व्यापारियों से वसूले गए कन्वर्जन चार्ज का हिसाब मांग रहे हैं.

दुकानों की सीलिंग मामले में AAP विधायकों ने की नारेबाजी दुकानों की सीलिंग मामले में AAP विधायकों ने की नारेबाजी
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. दुकानों की सीलिंग के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जमकर नारेबाजी और पोस्टरबाजी कर विरोध जताया. जवाब में बीजेपी विधायकों ने सदन में सीलिंग को लेकर चर्चा की मांग उठाई और केजरीवाल सरकार पर सीलिंग की फाइल नोटिफाई ना करने का आरोप लगाया.

दोपहर 2 बजे सदन की शुरुआत के साथ ही आम आदमी पार्टी के विधायक पोस्टर और बैनर लेकर बीजेपी विधायकों के सामने पहुंच गए. 'आप' विधायक बीजेपी शासित एमसीडी से व्यापारियों से वसूले गए कन्वर्जन चार्ज का हिसाब मांग रहे हैं. हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही को 3 घंटे में कई बार रोकना पड़ा.

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सीलिंग पर चर्चा की मांग कर रही बीजेपी विधायकों ने जब सदन के भीतर आम आदमी पार्टी का विरोध किया तो जवाब में मनीष सिसोदिया अपनी सीट से खड़े हो गए और तीखे अंदाज में बीजेपी पर व्यापारियों को लूटने का आरोप लगाया. हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता पर सदन में गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें मार्शल से बाहर करवा दिया.

मनीष सिसोदिया ने झल्लाते हुए बीजेपी विधायकों को कहा कि इसी सदन में बिजेपी के काले कारनामों का काला चिट्ठा खोला जाएगा. नोटिफिकेशन को रोकने में बीजेपी की मिलीभगत है और कन्वर्जन के नाम पर बीजेपी ने व्यापरियों को ठगा है. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी पैसा कमाने के लिए सीलिंग के मुद्दे को अटका रही है. हम सदन में 351 सड़कों के नोटिफिकेशन पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन बीजेपी ने जानबूझकर एमसीडी में मामला अटकाया है.

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उधर बीजेपी विधायकों ने सीलिंग पर आम आदमी पार्टी के विरोध को नौटंकी बताया है. सदन में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि दिल्ली सरकार सड़कों से जुड़ी दुकानों को नोटिफाई नहीं कर रही है. फिलहाल, सीलिंग पर एमसीडी और दिल्ली सरकार की खींचतान के बीच व्यापरियों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.

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