
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा के दौरान मौजपुर में गोली चलाने वाले शाहरुख का पिस्टल बरामद किया है. ये वही पिस्टल है जिसे हिंसा के दौरान शाहरुख ने पुलिसकर्मी पर तानी थी. इतना ही नहीं उसने इससे फायरिंग भी की थी. पुलिस ने पिस्टल के साथ 3 कारतूस भी बरामद किया है. पुलिस ने यह हथियार शाहरुख के दिल्ली वाले घर से बरामद किया है. क्राइम ब्रांच ने इसके अलावा शाहरुख के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है.
बता दें, पुलिस ने कार और एक मोबाइल फोन पहले ही बरामद किया था. दोनों मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. दिल्ली की क्राइम ब्रांच टीम ने शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से तीन मार्च को गिरफ्तार किया था.
जाहिर है 24 फरवरी को दिल्ली हिंसा के दौरान जाफराबाद इलाके में शाहरुख ने 8 राउंड फायरिंग की थी. इस शख्स ने फायरिंग के दौरान एक पुलिस कर्मी पर पिस्टल भी तान दिया था. फायरिंग करते हुए यह शख्स फिर भीड़ में गायब हो गया था. कार से वह सीधा नई दिल्ली जिले के कनाट प्लेस स्थित एक पार्किंग में पहुंचा. वहां पुलिस से बचने के लिए वह कई घंटे तक कार के भीतर ही सोता रहा. जब उसे विश्वास हो गया कि पुलिस अब दंगों में पूरी तरह फंस चुकी होगी, तो वो पंजाब चला गया.
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दिल्ली पुलिस मुख्यालय में मंगलवार दोपहर बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर डॉ. अजित कुमार सिंगला ने दी. उन्होंने आगे बताया, "जिस पिस्टल से शाहरुख खान ने घटना वाले दिन गोलियां बरसाईं वो 7.65 बोर की है. यह अवैध पिस्टल है. शाहरुख खान ने यह पिस्टल दो साल पहले अपनी फैक्टरी में काम करने वाले एक श्रमिक से फोकट में ही ले लिया था, ताकि इलाके में पिस्टल दिखाकर लोगों पर रौब गांठ सके."
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपी शाहरुख खान की उत्तर पूर्वी दिल्ली में ही जुराब (मोजे) बनाने की फैक्टरी है. आरोपी ने अपनी फैकटरी में काम करने वाले से ही यह अवैध पिस्टल ली थी.
हेड कॉन्स्टेबल पर तानी थी पिस्टल
शाहरुख ने दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर पिस्टल तानी थी. दीपक दहिया ने आज तक से खास बातचीत में कहा था कि शख्स सामने से फायरिंग करते हुए आ रहा था. दूसरे लोग उसकी फायरिंग की जद में न आ जाएं, इसके लिए उन्होंने उसे बीच में ही रोक लिया.
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जान जोखिम में डालने के सवाल पर हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया ने कहा था कि सबसे पहले तो हमें हमारे पब्लिक की जान बचानी है... हमें तो लग जाएगी यह तो बाद की बात है. पहले तो जिनके लिए नौकरी कर रहे हैं, वे जरूरी हैं.