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शकूरपुर और मायापुरी के बीच पिंक लाइन पर ट्रायल रन शुरू

इस नई सिग्नलिंग तकनीक को संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण यानी सीबीटीसी कहते हैं. सीबीटीसी को इस कॉरिडोर पर चलाया जाएगा और अलग-अलग चरणों में इसका सघन परीक्षण किया जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विवेक शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:32 AM IST

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के तीसरे चरण के 59 कि. मी. लंबे मजलिस पार्क-शिव विहार कॉरिडोर यानी लाइन-7, पिंक लाइन के अंतर्गत शकूरपुर और मायापुरी के बीच 6.5 कि.मी. के एलिवेटेड सेक्शन पर गुरुवार को ट्रायल रन की शुरूआत कर दी गई. ट्रायल रन की शुरुआत डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह ने डीएमआरसी के निदेशकों और वरिष्ठ डीएमआरसी अधिकारियों की उपस्थिति में की. पूरा होने के बाद ये कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का सबसे लंबा कॉरिडोर बन जाएगा.

दिल्ली मेट्रो के नए यूटीओ (चालक रहित ट्रेन प्रचालन) सिस्टम से ट्रेन को इस कोरिडोर पर चलाया जाएगा. ऑटोमेशन के बहुत उच्च स्तर के साथ यह नई ट्रेन इन स्टेशनों के बीच सघन परीक्षण से गुजारी जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये कॉरिडोर कमिशनिंग के बाद सुचारू रुप से काम करने के लिए तैयार है. शुरूआत में ट्रेन ऑपरेटर इन ट्रेनों को चलाएंगे लेकिन धीरे-धीरे इसे चालक रहित प्रचालन (यूटीओ विधि में) में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

इन परीक्षणों के दौरान मेट्रो रेल के इंटरफेस की जांच से सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रैक पर ट्रेन के चलने के दौरान सिविल स्ट्रक्चर में कोई दिक्कत तो नहीं है. साथ ही कोच के अंदर लगे तमाम सिस्टम की जांच परख भी की जाएगी.

इस नई सिग्नलिंग तकनीक को संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण यानी सीबीटीसी कहते हैं. सीबीटीसी को इस कॉरिडोर पर चलाया जाएगा और अलग-अलग चरणों में इसका सघन परीक्षण किया जाएगा. अलग-अलग स्पीड पर ट्रेन का रिएक्शन, ट्रेन में ब्रेक और प्रचालन नियंत्रण केंद्र यानी ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर के साथ इसके कॉर्डिनेशन की निगरानी भी इन परीक्षणों के दौरान की जाएगी. ट्रैक प्रणाली और ओवरहैड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) का भी परीक्षण लगातार किया जाएगा जिससे एक बार ट्रेन का संचालन शुरू होने के बाद कोई स्नैग ना आए.

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