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नोटबंदी की नाकामयाबी छुपाने के लिए केंद्र ने बदले वेतन नियम : गोपाल राय

दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय ने वेतन नियम में बदलाव के फैसले को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, 'मोदी सरकार नोटंबदी के बाद अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए इस तरह के फैसले ले रही है.'

दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री हैं गोपाल राय दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री हैं गोपाल राय
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:16 AM IST

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नौकरीपेशा लोगों और कामगारों के वेतन भुगतान से जुड़े कानून में किए गए बदलाव का दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार विरोध कर रही है. दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय ने वेतन नियम में बदलाव के फैसले को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, 'मोदी सरकार नोटंबदी के बाद अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए इस तरह के फैसले ले रही है.'

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केंद्रीय कैबिनेट ने मौजूदा पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट में बदलाव के लिए अध्यादेश लाने पर बुधवार को मंजूरी दे दी है. नए नियम के मुताबिक, किसी भी संस्थाम को अपने मजदूरों और कामगारों को उनका वेतन और भत्ते चेक के जरिये या फिर सीधे उनके खाते में जमा करने होंगे. केंद्र के इस कदम की आलोचना करते हुए दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ज्यादातर मजदूरों के पास अब भी बैंक खाते नहीं हैं. हालांकि इसके साथ उनका दावा है कि दिल्ली में वेतन एवं भत्ते बैंक खाते में देने की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है.

राय ने केंद्र सरकार से मांग किया कि सरकार नोटिफिकेशन में यह साफ करे कि किसी भी संस्थान में काम करने वाले कामगारों का खाता खोलने की जिम्मेदारी किसकी होगी. इसके साथ वह कहते हैं कि केंद्र सरकार कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले पूरी तैयारी करे.

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इस बीच केंद्र सरकार ने सफाई दी है कि नए कानून के बाद वेतन एवं भत्ते के चेक या ऑनलाइन भुगतान को जरूरी नहीं किया गया है, बल्कि मौजूदा कैश और सिक्कों के जरिये भुगतान के साथ इस व्यवस्था को एक विकल्प के रूप में लाया जा रहा है.

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