Advertisement

न्यूनतम मजदूरी को लेकर गोपाल राय से मिला व्यापारियों का वर्ग

आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के साथ मार्किट एसोसिएशन, फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट, होटल, अस्पताल, अनाज व्यापारी, सेनेटरी एंड टूल, हार्डवेयर, प्लास्टिक, बिस्किट व्यापारी न्यूनतम मजदूरी को लागू न करने की मांग लेकर मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक करने पहुंचे.

गोपाल राय गोपाल राय
अंजलि कर्मकार/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 1:36 AM IST

केजरीवाल कैबिनेट ने न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने वाले फैसले को पास तो कर दिया, लेकिन दिल्ली के कई व्यापारी इससे खुश नहीं हैं. आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच ही इस फैसले को लेकर टकराव देखने को मिल रहा है. शनिवार को व्यापारियों के एक दल ने श्रम मंत्री गोपाल राय से मुलाकात की और न्यूनतम मजदूरी का विरोध किया.

Advertisement

आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के साथ मार्किट एसोसिएशन, फैक्ट्री, ट्रांसपोर्ट, होटल, अस्पताल, अनाज व्यापारी, सेनेटरी एंड टूल, हार्डवेयर, प्लास्टिक, बिस्किट व्यापारी न्यूनतम मजदूरी को लागू न करने की मांग लेकर मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक करने पहुंचे.

आप ट्रेड विंग के बृजेश गोयल ने श्रम मंत्री गोपाल राय से मुलाकात के बाद कहा, 'दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी 40 फीसदी ज्यादा है जबकि अन्य राज्यों में लेबर सस्ती है. हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 7 हजार है, तो सरकार के फैसले के बाद दिल्ली में 14 हजार है. ऐसे में व्यापारी को समस्या होगी. हमारे मुताबिक, ट्रेड और इंडस्ट्री पर फैसला छोड़ दें, ताकि ठेकेदारी के जरिए भी मजदूरी दी जा सके, लेकिन फैसला वापस नहीं होता है तो व्यापारी दिल्ली बंद करेंगे.'

 

सभी पक्षों का होगा सकारात्मक समाधान
दूसरी तरफ श्रम मंत्री गोपाल राय ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग सरकार के सामने रखी जाएगी. न्यूनतम मजदूरी योजना का फैसला वापस लेने के सवालों पर गोपाल राय ने कहा कि कैबिनेट ने जो फैसला लिया है, उससे कुछ व्यापारी वर्ग को दिक्कत है. सभी पक्षों का सकारात्मक समाधान होगा, जिससे व्यापारी और मजदूर दोनों को फायदा हो सके.

Advertisement

व्यापारियों ने रखी ये मांगें
व्यापारियों ने गोपाल राय को दिए प्रस्ताव में लिखा है कि न्यूनतम मजदूरी योजना से दिल्ली में छोटे उद्योग को नुकसान होगा दिल्ली के ट्रांसपोर्ट ट्रेडर राजेंद्र कपूर का कहना है कि हमारी मांग ये है कि न्यूनतम मजदूरी में इतनी वृद्धि नहीं की जाए और दूसरे राज्यों से तुलना करके इसमें बढ़त हो. न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से बाकि राज्य में भी मजदूर पैसा बढ़ाने की मांग करेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement