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एप आधारित प्रीमियम बस सर्विस के घोटाले में घिरे गोपाल राय ने दिल्ली के परिवहन मंत्री के पद से मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. अब उनकी जगह सत्येंद्र जैन को परिवहन विभाग का जिम्मा दिया गया है.
गोपाल राय का जाना पहले ही तय हो गया था, लेकिन पिछले हफ्ते उनकी जगह कपिल मिश्रा को परिवहन मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी.
गोपाल राय के पास श्रम, रोजगार, विकास, सामान्य प्रशासन विभाग, सिंचाई एवं खाद्य नियंत्रण विभाग भी हैं. बताया यह भी जा रहा है कि गोपाल राय ने खुद ही स्वास्थ्य कारणों से परिवहन मंत्रालय छोड़ने की पेशकश मुख्यमंत्री केजरीवाल से की थी. हाल ही राय की सर्जरी भी हुई थी, जिसमें वर्षों से उनके शरीर में फंसी एक गोली को निकाला गया था.
माना जा रहा है कि राय के इस्तीफा देने के पीछे स्वास्थ्य कारण प्रमुख वजह नहीं है, बल्कि प्रीमियम बस घोटाले के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. ऐसे कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने सिर्फ परिवहन विभाग ही छोड़ा है.
बिना समन एसीबी के सामने पेश हुए राय
गोपाल राय मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने पेश हुए. उनके एसीबी दफ्तर पहुंचे ही बाहर उनके समर्थकों की भीड़ लग गई. खास बात यह है कि राय को एसीबी की तरफ से कोई समन जारी नहीं हुआ था, फिर भी वे खुद पहल करके एसीबी के सवालों का जवाब देने पहुंचे.
CM के कहने एसीबी को जवाब देने आया: गोपाल राय
गोपाल राय ने एसीबी दफ्तर से निकलते हुए कहा, 'हमने दिल्ली को फायदा पहुंचाने के लिए एप आधारित बस सर्विस की योजना तैयार की थी. ये सर्विस अभी शुरू नहीं हुई है लेकिन बीजेपी ने एसीबी से शिकायत कर दी. मैंने ज्वॉइंट कमिश्नर मीणा से एफआईआर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.' राय ने कहा कि उन्हें सीएम केजरीवाल ने एसीबी में जाने के लिए कहा था और इसलिए मैं यहां सवालों के जवाब देने आया.' परिवहन विभाग से इस्तीफे के सवाल पर राय ने कहा, 'मैंने सीएम से परिवहन विभाग से मुक्त करने के लिए कहा था. इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़ी वजहें हैं और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में ज्यादा वक्त देने की जरूरत थी.'
'केजरीवाल से डरते हैं पीएम मोदी'
'आप' प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को झूठ बोलना बंद करना चाहिए. भारत में अधिकांश राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई हैं, लेकिन दिल्ली के लिए नियम बदल दिए गए. वहीं आशुतोष ने कहा कि मोदी केजरीवाल से डरते हैं. बीजेपी को महंगाई, किसानों की आत्महत्या आदि की चिंता नहीं है, लेकिन बीजेपी केजरीवाल को लेकर चिंतित है. पंजाब और गुजरात, जहां बीजेपी सत्ता में है, सभी संसदीय सचिव सरकार का लाभ लेते है. हमारी सरकार को काम करने दिया जाए.