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दिल्ली में डेंगू चिकनगुनिया से जुड़े मामलों पर हाईकोर्ट सख्त, मांगी रिपोर्ट

हाई कोर्ट ने पूछा है कि कचरा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अब तक क्या किया? विज्ञापन और जगह-जगह लोगों को जागरूक करने के लिए एजेंसियां क्या-क्या काम कर रही हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सना जैदी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

राजधानी दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया से जुड़े मामलों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में सिविक एजेंसियों को अपने काम में गंभीर होने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने सोमवार को पूछा कि मॉनसून के मद्देनजर सिविक एजेंसियों की तैयारी कितनी पुख्ता है. कोर्ट ने पूछा कि पिछले साल की तुलना में इस साल दिल्ली में डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया के केस में कितनी कमी आई है.

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हाई कोर्ट ने पूछा कि डेंगू, चिकनगुनिया को रोकने के लिए सिविक एजेंसी ने अब तक क्या-क्या किया है, हाई कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई पर इसका ब्यौरा कोर्ट को दिया जाए. कचरा प्रबंधन को लेकर भी सभी एजेंसी से रिपोर्ट मांगी गई है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि कचरा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अब तक क्या किया? विज्ञापन और जगह-जगह लोगों को जागरूक करने के लिए एजेंसियां क्या-क्या काम कर रही हैं, वह बताएं.

बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को एक घंटे की बारिश के दौरान दिल्ली में कई जगह जल भराव देखा गया. लिहाजा, एजेंसी क्या कर रही हैं कोर्ट ये जानना चाहता है. मॉनसून में पनपने वाली बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस साल कोर्ट ने फरवरी के महीने से ही एजेंसियों के कामकाज की रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी थी, शायद इसी का नतीजा है कि डेंगू, मलेरिया के मामलों में पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कम केस दर्ज हुए हैं.

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सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रोहिणी के पार्कों में कचरा डालने को लेकर भी डीडीए को हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, आम लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले रोहिणी के कुछ पार्कों में  मलवा और कूड़ा डाला जा रहा है. जिससे वहां रहने वाले लोगों को असुविधा तो हो ही रही है वहीं बीमारी पनपने का भी खतरा बना हुआ है. हाई कोर्ट 7 अगस्त को दोबारा सुनवाई करेगा.

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