Advertisement

दिल्ली में डेंगू-चिकनगुनिया को लेकर सरकारी इंतजामों से HC नाखुश, जल बोर्ड को भेजा नोटिस

कोर्ट ने कहा कि हमें आप सभी से खानापूर्ति के लिए स्टेटस रिपोर्ट नहीं चाहिए बल्कि हर विभाग से जुड़े बड़े अधिकारी सड़क पर निकलें और ये सुनिश्चित करके हमें हलफनामा दें कि उनके इलाके में कही कोई गंदगी नहीं है. पिछली सुनवाई मे भी कोर्ट ने कहा कि अगर बड़े अधिकारी एअर कंडीशन कमरों में बैठकर सिर्फ मीटिंग करते रहेंगे तो इलाके में सफाई नहीं हो सकती.

सरकार और विभागों के लगाई फटकार सरकार और विभागों के लगाई फटकार
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2017,
  • अपडेटेड 3:44 AM IST

डेंगू और चिकनगुनिया को इस मानसून में दिल्ली में रोकने के सरकारी उपायों को लेकर हाई कोर्ट पूरी तरह असंतुष्ट है. दिल्ली में जगह-जगह जमा हो रहे पानी पर नाराज हाइकोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को भी नोटिस थमा दिया है. जल बोर्ड की सप्लाई उन जगहों पर भी हो रही है जहां पर अवैध निर्माण का काम हो रहा है और इसके चलते निर्माणाधीन इमारतों में पानी के जमा होने के कारण भी मच्छरों के पनपने का ख़तरा बढ़ रहा है. इस बीच हाइकोर्ट को आज सरकारी वकील ने ये भी बताया कि 13 मई को एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई जा रही है जिसमे डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए किस तरह की व्यवस्था की जाए इसे लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी.

Advertisement

हाई कोर्ट ने पहले ही दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसी को फटकार लगाते हुए कह ये तक कह दिया था कि 21वीं सदी में जहां हम हर तऱफ आगे बढ़ रहे है, क्या सरकार और सिविक एजेंसी देश की राजधानी को डेंगू-चिकनगुनिया देना चाहते हैं. दरअसल कोर्ट को इन मामले में तीन बार सुनवाई के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब सरकार और सभी एमसीडी से नहीं मिल पाया कि आखिर डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया को रोकने की क्या पुख्ता तैयारी है .

कोर्ट ने कहा कि हमें आप सभी से खानापूर्ति के लिए स्टेटस रिपोर्ट नहीं चाहिए बल्कि हर विभाग से जुड़े बड़े अधिकारी सड़क पर निकलें और ये सुनिश्चित करके हमें हलफनामा दें कि उनके इलाके में कही कोई गंदगी नहीं है. पिछली सुनवाई मे भी कोर्ट ने कहा कि अगर बड़े अधिकारी एअर कंडीशन कमरों में बैठकर सिर्फ मीटिंग करते रहेंगे तो इलाके में सफाई नहीं हो सकती. ये तभी होगा जब खुद सभी बड़े अधिकारी सफाई कर्मचारियों से काम करायेंगे.

Advertisement

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस वक्त डेंगू होने के बाद इलाज पर नहीं बल्कि उसके बचाव पर फोकस होना चाहिए. अगर सफाई समय पर हो जाएगी तो बीमारी का खतरा अपने आप कम हो जाएगा. कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि किसी भी हाल में दिल्ली में डेंगू-चिकनगुनिया को लेकर वो हालात नहीं होने चाहिए जो पिछले 2-3 साल के दौरान देखे गये हैं.

एक हफ्ते पहले भी डेंगू-चिकनगुनिया को लेकर हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी जिसमें दिल्ली सरकार, एमसीडी, रेलवे और कन्टोनमेंट बोर्ड को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इस मामले स्वत संज्ञान लेते हुए कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि हर हाल में डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया को दिल्ली में रोकने के प्रयास अभी से शुरू किए जाएं. मई के बाद दिल्ली में मानसून आ जाएगा और अगर अभी से इन बीमारियों की रोकथाम की तैयारी शुरू नहीं की गई तो नतीजे पिछले साल जैसे देखने को मिल सकते हैं. इसीलिए हाईकोर्ट पहले से ही चाहता है कि दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी अपनी तैयारी वक्त रहते पूरी कर लें.

हाई कोर्ट साफ कह चुका है कि हमें बताये कि अभी तक सभी ने क्या क्या तैयारी की है और अगर नहीं की है तो तुरंत शुरू कर दें. कोर्ट ने कहा कि डेगू और चिकनगुनिया को रोकने के लिए सिर्फ पुराने तरीके से ही तैयारी न की जाए. बल्कि लोगों को बीमारी से बचाने के लिए उचित शिक्षा, जानकारी और उनके साथ संवाद बनाने से जुड़े कार्यक्रम भी किए जाएं. हाई कोर्ट ने हाल ही मे डेंगू-चिकनगुनिया के नए मामले अस्पतालों में आने के बाद इस मामले पर स्वत संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने दो साल पहले लगाई गई एक जनहित याचिका का कुछ निर्देशों के साथ निपटारा कर दिया गया था, उसी पीआईएल को फिलहाल स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरु की है.

Advertisement

पिछले साल मानसून के दौरान हजारों की तादाद में राजधानी में लोग चिकनगुनिया की चपेट में आ गए थे और बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो गई थी. 2015 में भी राजधानी में लोगों को डेंगू का कहर झेलना पड़ा था. इसीलिए कोर्ट चाहता है कि इस साल सरकार और एमसीडी की तरफ से कोई लापरवाही न बरती जाए. कोर्ट इस मामलें में अगली सुनवाई 12 मई को करेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement