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कश्मीरी विस्थापितों के लिए केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान

दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियों के लिए उन कश्मीरी विस्थापितों को उम्र सीमा में विशेष छूट दी जाएगी, जो 1994 से स्कूलों में ठेके पर काम कर रहे हैं.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
सुरभि गुप्ता/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राजधानी में रह रहे कश्मीरी विस्थापितों के लिए बड़ी योजना की घोषणा की है. केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया गया है, जिसके तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निकाले जाने वाली भर्ती में कश्मीरी विस्थापितों को विशेष तरजीह के साथ चयन मापदंडों में विशेष छूट दी जाएगी. हालांकि यह विशेष छूट सिर्फ पहली बार निकाली जा रही भर्तियों पर ही लागू होगी.

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क्या है केजरीवाल कैबिनेट का प्रस्ताव?

दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियों के लिए उन कश्मीरी विस्थापितों को उम्र सीमा में विशेष छूट दी जाएगी, जो 1994 से स्कूलों में ठेके पर काम कर रहे हैं. शिक्षकों की सीधी भर्तियों के अलावा कश्मीरी विस्थापितों को प्रमोशन के लिए भी मापदंडों में विशेष छूट दी जाएगी. शिक्षक भर्तियों के लिए कश्मीरी विस्थापितों को कॉमन टीचर एंट्रेंस टेस्ट में भी छूट दी जाएगी.

उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव

दिल्ली सरकार के स्कूलों में ठेके पर काम कर रहे शिक्षकों को व्यवस्था के तहत नियमित किया जाएगा. केजरीवाल सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया है और जल्दी ही से उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से जूझती केजरीवाल सरकार अगले कुछ महीनों में दिल्ली में शिक्षकों की भर्ती के लिए बंपर वैकेंसी निकालने की तैयारी कर रही है.

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