
सर पे लाल पगड़ी, रौबदार हैंडलबार स्टाइलिश मूछें. ब्रैंडेड चश्मा और नीली नेहरू जैकेट पहना ये शख्स भले ही रौबदार दिखता हो लेकिन ये रिश्ते में सभी के ताऊ हैं. हाथ में लंबी लाठी तिरंगे से लिपटी है और उस पर लिखा है वीबीएस यानि वीरेंद्र सिंह बल्लहारा. इनका दूसरा नाम है ट्रैफिक पुलिस ताऊ.
पेशे से एसआई पिछले 20 सालों से इसी तरह दिल्ली-एनसीआर के लोगों को ट्रैफिक और कानून का पाठ पढ़ा रहे हैं.
इनकी नेहरू जैकेट पर हरियाणा पुलिस के लोगों के साथ इनका फोन नंबर भी लिखा है. वीरेंद्र ने बताया कि फरीदाबाद के अंबेडकर चौक पर लाखों बच्चे शिक्षण संस्थाओं में पढ़ते हैं. छेड़छाड़ करने वाले वहां कोहराम मचा रख था, लेकिन हरियाणा पुलिस की तरफ से जब से तैनाती हुई बदमाश भाग खड़े हुए.
ताऊ रोज़ाना स्कूल-कॉलेज में छुट्टियों के वक्त पार्कों में साइकिलिंग करते हैं और बदमाशों की तलाश में निकल पड़ते हैं. वीरेंद्र का कहना है कि वो रोज़ाना 7 किलोमीटर की साइकिलिंग करते हैं. बदमाशों को काबू में करने का तरीका ताऊगिरी के रूप में इलाके में प्रचलित है. वो किसी को चॉकलेट देते हैं तो किसी को फूल देकर मनाते हैं. प्यार से हाथ जोड़ कर स्लम बस्तियों में जाकर कानून की अलख जलाते हैं. हरियाणा के बल्लभगढ़ के अंबेडकर चौक पर पिछले 4 सालों से बतौर "ट्रैफिक पुलिस ताऊ" काम कर रहे हैं.
इनके ट्रैफिक पुलिस ताऊ के गेटअप में होने की कहानी भी दिलस्प है. कहते हैं कि एक साधू के साथ संगत हुई साधु ने ज्ञान दिया और मनचले बहू- बेटियों के साथ बुरा बर्ताव करने वालों को सही रास्ते पर लाने की बात कही तभी से बीड़ा उठा लिया. ताऊ स्कूलों में कैंपिंग करते हैं. प्राइमरी स्कूलों में जाते हैं. बसों में सफर करते हैं.
रोहतक के बहुअकबरपुर गांव के रहने वाले ताऊ को महकमें की तरफ से भी इजाज़त है कि वो ताऊ के गेट अप में लोगों में कानून की अलख जगाएं.