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दिल्ली विधानसभा में गूंजा बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का विवाद, मंत्री ने दी सफाई

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने सदन में यह भी कहा कि अगर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कह रही हैं कि बुराड़ी में कोई अनियमितता नहीं है तो क्या वहां पर राम राज्य आ गया है? जबकि वहां पर दलालों के बिना आम इंसान कोई काम नहीं करवा सकते.

कैलाश गहलोत (फाइल फोटो ) कैलाश गहलोत (फाइल फोटो )
दीपक कुमार/पंकज जैन/मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:41 AM IST

बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में गड़बड़ियों से जुड़े मामले की गूंज दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में सुनाई दी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से जुड़े विवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अधिकारी अब मंत्रियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

कैलाश गहलोत ने इस पूरे विवाद पर सदन में बोलते हुए कहा कि उन्हें बुराड़ी अथॉरिटी के बारे में हर रोज शिकायतें मिलती हैं और जुलाई में सीएम की विजिट के दौरान लोगों ने शिकायतें की थी कि यहां पर दलालों के बिना काम नहीं हो सकता.

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उन्होंने कहा कि जब इस बारे में विधानसभा का सवाल आता है तो ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से जवाब दिया जाता है कि कोई अनियमितता नहीं है. वहीं जब मंत्री कहते हैं कि जवाब ठीक करके लाइए तो इस पूरी घटना को जो रूप दिया जा रहा है, वह बेहद खतरनाक है. मंत्री पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन कोई भी मंत्री सदन में गलत जवाब कैसे दे सकता है?

आगे गहलोत ने कहा कि हजारों मीटिंग होती हैं और उन मीटिंग में अधिकारियों की अलग राय भी होती है.  लेकिन जब मंत्री लिखित में लिखकर देता है तो फिर सेक्रेटरी की राय कहां स्टैंड करती है? बुराड़ी अथॉरिटी में कोई भी गड़बड़ी नहीं होने का जवाब कोई कैसे स्वीकार कर सकता है? डिपार्टमेंट अगर गलत जवाब तैयार करता है तो मंत्री सदन में उस जवाब को कैसे रख सकता है. मंत्री सदन के प्रति जवाबदेह होते हैं और कोई भी गलत जवाब सदन की अवमानना के दायरे में आता है.

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 दलाल कहता है, 1200 रुपये में आरसी बन जाएगी

 परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन को बताया कि उनके पास मेल आती हैं कि पांच-पांच महीने से आरसी नहीं मिल रही है और आवेदक का नंबर दलाल के पास पहुंच जाता है. दलाल कहता है कि 1200 रुपये में आरसी बन जाएगी. यह बड़े सवाल खड़े करता है.

गहलोत ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन को कैसे ठप करने की कोशिश की जा रही है, इसका एक उदाहरण यह है कि डिविजिनल कमिश्नर और रेवेन्यू सेक्रेटरी के बारे में कोई जानकारी ही नहीं मिलती. जब मंत्री रेवेन्यू सेक्रेटरी से बात करना चाहते हैं तो पता ही नहीं चलता कि मौजूद समय में इस विभाग का चार्ज किनके पास है जबकि रेवेन्यू सेक्रेटरी जिले के सभी डीएम, एसडीएम के कामों को सुपरवाइज करते हैं.

सौरभ भारद्वाज ने भी उठाया मुद्दा

इससे पहले आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सदन को गुमराह करने वाले जवाब आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि बुराड़ी में भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. यहां दलाल कुछ ही देर में फिटनेस सर्टिफिकेट दिलवा देता है जबकि आम आदमी अगर वहां सर्टिफिकेट हासिल करना चाहे तो उसे परेशान किया जाता है. 

उन्होंने कहा कि सीएम ने जब बुराड़ी अथॉरिटी का दौरा किया तो वहां पर उन्होंने 40 से ज्यादा लोगों से बात की. उन लोगों ने बताया कि कैसे अथॉरिटी में भ्रष्टाचार का बोलबाला है लेकिन डिपार्टमेंट की ओर से कहा जाता है कि दलालों की शिकायत करने वाले खुद दलाल हैं. ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई दलाल ऐसी शिकायत करें.  

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