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विधानसभा में स्थानीय मुद्दों से भागती नजर आई दिल्ली सरकारः विजेंदर गुप्ता

पूरे सत्र में सरकार जनहित के मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी से भागती रही. विजेंदर गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने विपक्ष की आवाज दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की मांग करने पर उन्हें मार्शलों द्वारा सदन से 5 बार बाहर निकाला गया.

विजेंदर गुप्ता (फाइल फोटो) विजेंदर गुप्ता (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के अगले ही दिन बीजेपी विधायकों ने केजरीवाल सरकार पर विधानसभा पर सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.

नेता प्रतिपक्ष और विधायक ओपी शर्मा ने बुधवार को कहा कि मंगलवार को समाप्त हुआ सत्र दिल्ली विधानसभा के इतिहास में सबसे अधिक लंबा ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों और आप विधायकों की ओर से सबसे अधिक अमर्यादित व्यवहार और गैर-जिम्मेदाराना रवैये वाला भी बन गया.

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बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि पूरे सत्र में सरकार जनहित के मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी से भागती रही. विजेंदर गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने विपक्ष की आवाज दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की मांग करने पर उन्हें मार्शलों द्वारा सदन से 5 बार बाहर निकाला गया. यहां तक कि अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात न रखने देने की मंजूरी नहीं मिलने के विरोध में विपक्षी विधायकों को 8 बार सदन से वॉक आउट तक करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष नियम-280, 54, 55, 59 तथा 89 के माध्यम से करीब 225 मामलों को उठाने में सफल रहा.

विपक्ष ने पानी की कमी, सीवर व्यवस्था ठप्प होने, प्रदूषण रोकने में असफल होने, झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों को सुविधाएं न मिलने और  राशन कुव्यवस्था, यौन-उत्पीड़न और शोषण की शिकार महिलाओं के लिए वन-स्टॉप सेंटर न बनाने, मंत्रियों तथा विधायकों के विदेशी दौरों पर खर्चों जैसे मुद्दे उठाए.

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विजेंदर गुप्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ दल ने संवैधानिक संस्थाओं और संविधान के संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों पर अलोकतांत्रिक और अमर्यादित हमले किए. गुप्ता ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल कार्यालय के खिलाफ एकतरफा आउटकम रिपोर्ट पेश की. लोकहित के मामलों पर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो एक भी बिल सदन में लाने में असफल रही और बजट पर सार्थक बहस कराने में भी असमर्थ रही.

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सदन की बैठकों से ज्यादातर समय अनुपस्थित रहे. गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस बार का बजट सत्र दिल्ली के आम आदमी की समस्याओं का हल निकालने की बात तो दूर, उन पर चर्चा तक नहीं की गई. विजेंदर गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पानी की भारी किल्लत और दूषित पानी की सप्लाई जैसी ज्वलंत समस्याओं को सरकार ने उठाने नहीं दिया. दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों को लेकर सदन को ही नहीं अपितु दिल्ली की समस्त जनता और विशेषकर झुग्गी निवासियों को गुमराह किया गया.

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