
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के समय अमल में लाए गए रोशनी स्कीम के तहत हुए जमीन आवंटन में अनियमितताओं की जांच का फैसला किया है. सरकार की ओर से शनिवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी गई.
अनियमितताओं से दिग्गजों को मिला फायदा
रोशनी स्कीम के तहत राज्य सरकार की हजारों एकड़ जमीन को गैरकानूनी तरीके से कम कीमत पर बांटे जाने की शिकायत की गई थी. इस आवंटन से मौजूदा सरकार के बड़े मंत्री, पूर्व मंत्री,
राजनेता, पुलिस अधिकारी और अन्य नौकरशाहों को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
पीएजी ने किया था घोटाले का खुलासा
प्रदेश के राजस्व मंत्री सैयद बशरत बुखारी ने विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार ने इस स्कीम के तहत 25 हजार करोड़ रुपये की जगह महज 78.47 करोड़ रुपये ही जुटाने के मामले को
गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का फैसला किया है. साल 2014 में प्रिंसिपल अकाउंट जनरल (पीएजी) ने रोशनी एक्ट के तहत 25 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात कही थी. पीएजी ने
रोशनी एक्ट को राज्य का सबसे बड़ा जमीन घेटाला बताया था.
योजना से नहीं जुटा तय लक्ष्य
मंत्री ने बताया कि 19,293 कैनाल सरकारी जमीन को कश्मीर में 10, 328 लाभार्थियों के बीच और जम्मू क्षेत्र में 21,0398 कैनाल जमीन को 39,829 लाभार्तियों के बीच बांटा था. एक कैनाल
0.8 एकड़ जमीन के बराबर होता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सरकार ने 54 करोड़ और जम्मू में 24 करोड़ रुपये राजस्व ही हासिल की थी.
बीजेपी-पीडीपी विधायकों का सदन में हंगामा
विधानसभा में बीजेपी और पीडीपी के सदस्यों ने इस मसले को लेकर काफी हंगामा किया, उन्होंने इस अनियमितताओं में शामिल नेताओं और नौकरशाहों की जांच करने की मांग की. इसके बाद
मंत्री ने बताया कि 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व के लक्ष्य को साथ शुरू की गई योजना महज 78.47 करोड़ रुपये ही जुटा सकी. सरकार इस पूरी अनियमितताओं की जांच कराएगी.
नेशनल कांफ्रेंस के विधायक ने उठाया मुद्दा
विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के विधायक मुबारक गुल ने प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाया. इसके बाद अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता के निर्देशों के आधार पर सरकार ने जांच की घोषणा की. गुल सहित
बीजेपी और पीडीपी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि रोशनी एक्ट को लागू करने में काफी अनियमितताएं हुई हैं.
अवैध कब्जे वाली जमीन से जुटाना था राजस्व
2001 में आए इस कानून का लक्ष्य सरकारी जमीन अवैध कब्जा करने वालों को वही जमीन बाजार दर से बेचना था. गुल और बीजेपी विधायक राजीव जसरोटिया ने आरोप लगाया कि
अधिनियम के तहत भूमि आवंटन में बहुत घोटाला हुआ है और नौकरशाहों को इससे बहुत लाभ हुआ है.