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20 कश्मीरी पत्थरबाजों को लेकर भारत भ्रमण पर निकलेगी सेना, दिखाएगी देश की तस्वीर

सेना कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले युवाओं पर खास ध्यान दे रही है. यह ध्यान उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नहीं बल्कि उन्हें भारत का भ्रमण कराने और उनके सपनों को नयी उड़ान देने के लिए है.सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अशांत दक्षिणी कश्मीर के 20 लड़कों के एक समूह को भारत का भ्रमण पर ले जाया जाएगा.

कश्मीरी पत्थरबाज कश्मीरी पत्थरबाज
विजय रावत/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2017,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST

सेना कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले युवाओं पर खास ध्यान दे रही है. यह ध्यान उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नहीं बल्कि उन्हें भारत का भ्रमण कराने और उनके सपनों को नयी उड़ान देने के लिए है. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अशांत दक्षिणी कश्मीर के 20 लड़कों के एक समूह को भारत का भ्रमण पर ले जाया जाएगा. यह एक शैक्षणिक यात्रा होगा. इसका उद्देश्य देश के विकास से उन्हें वाकिफ कराना है.

यह विचार विक्टर फोर्स के जनरल आफिसर कमांड मेजर जनरल बी एस राजू के मन में युवा पत्थरबाजों से मुलाकात कर के आया. इन पत्थरबाजों को आतंकवादियों के खिलाफ विभिन्न अभियानों के दौरान सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने के क्रम में पकड़ा गया था. यह बल दक्षिणी कश्मीर के एक बड़े हिस्से में सेना का आतंकवाद विरोधी ग्रिड है.

मेजर जनरल राजू ने कहा कि कोई भी आसानी से समझ सकता है कि वे पत्थर फेंकने में इसलिए लिप्त हैं क्योंकि वे बचपन से ही यह देख रहे हैं. वे लोग जन्म से ही अपने आसपास यह सब देख रहे. इसलिए इस छवि के गुलाम हैं . उन्होंने कहा कि कुछ तो ऐसे हैं जिन्हें यह भी नहीं मालूम है कि वे क्यों पथराव कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनमें से कई सिर्फ मजे के लिए पथराव कर रहे थे.

सैन्य अधिकारी खुद भी एक पुत्र और एक पुत्री के पिता हैं. उन्होंने एक अभिभावक की नियमावली का पालन करने का फैसले किया. इसके अंतर्गत उन्होंने पत्थरबाजों से अनौपचारिक रूप से बातचीत शुरू कर दी. जिससे उन्हें यह पता लगे कि उनके भी सपने हैं.

सपनों को हकीकत में बदलने के संबंध में पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के बयान का जिक्र करते हुए सैन्य अधिकारी राजू ने युवा छात्रों को उनके करियर के बारे में काउंसलिंग शुरू की. उन्होंने कहा कि जब उनसे बात की जाती है तो पता लगता है कि उनके भी सपने हैं. अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण उन सपनों को पंख नहीं लग पाते. उनका प्रयास सिर्फ उनके सपनों को उड़ान देना था. इसी कारण से 20 ऐसे बच्चों को सेना की सद्भावना योजना के तहत भारत का भ्रमण कराया जाएगा.

सेना स्थानीय पुलिस की मदद से उन लड़कों की पहचान कर रही है जिन्हें दिल्ली ले जाया जाएगा. उसके बाद उन्हें मुंबई, जयपुर और ऐतिहासिक महत्व वाले अन्य स्थानों पर भी ले जाया जाएगा.

सेना का मानना है कि विभिन्न शहरों की यात्रा के बाद जब ये बच्चे लौटकर अन्य कश्मीरियों को अपने अनुभव सुनाएंगे तो अगले समूह के लिए वे प्रोत्साहित होंगे.

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