
झारखंड में अलग-अलग जगहों को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के इरादे से रेल मंत्रालय ने झारखंड सरकार के साथ जॉइंट वेंचर समझौता किया है. इस समझौते के बाद झारखंड में अलग-अलग जगहों के लिए रेल लाइन बिछाने का काम शुरू होगा. झारखंड सरकार ने इसके लिए अपनी योजना पहले ही रेल मंत्रालय को सौंप दी है.
झारखंड सरकार और रेलवे में हुए जॉइंट वेंचर समझौते के बदौलत रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों में राज्य सरकार की भागीदारी बढ़ेगी. रेलवे की विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने का जिम्मा अब सिर्फ केंद्र सरकार पर ही नहीं रहेगा, बल्कि राज्य सरकार को भी इसमें पूरा सहयोग देना पड़ेगा. किसी खास रेलवे प्रोजेक्ट में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार और दूसरी संबंधित संस्थाओं को जरूरी धनराशि मुहैया कराने में मदद करनी होगी.
झारखंड सरकार ने सबसे पहले तीन रेलवे प्रोजेक्टों को तवज्जो दी है. ये रेलवे प्रोजेक्ट हैं: नामकुम-कंदरा, गिरिडीह-पारसनाथ-मधुबन और तोरी-चतरा रेलवे लाइन. इन रेल लाइनों की कुल लंबाई 222 किलोमीटर है और इन सभी प्रोजेक्ट्स में 2150 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. ये तीनों रेल लाइनें झारखंड और रेलवे के जॉइंट वेंचर के तहत बिछाई जाएंगी. इस ज्वाइंट वेंचर कंपनी में झारखंड सरकार की 51 फीसदी भागीदारी होगी.