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मध्यप्रदेश के धार जिले की भोजशाला में बसंत पंचमी पर पूजा और नमाज अब साथ-साथ होंगे. मध्य प्रदेश सरकार ने हिंदू संगठनों की मांग ठुकरा दी है. हिंदू संगठनों ने कहा था कि पूजा और नमाज साथ-साथ नहीं हो सकते. इस बीच, भोज उत्सव समिति और हिंदू जागरण मंच ने पूरे दिन के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है.
प्रशासन ने निकाला यह समाधान
प्रशासन ने माहौल को देखते हुए पूजा और नमाज का वक्त तय कर दिया है. प्रशासन ने सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर साढ़े तीन बजे से सूर्यास्त तक पूजा की इजाजत दी है. वहीं दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज की अनुमति दी है.
जुम्मा और बसंत पंचमी एक ही दिन
दरअसल, अबकी बार जुम्मा और बसंत पंचमी एक ही दिन हैं. इस वजह से प्रशासन पसोपेश में था. क्योंकि बसंत पंचमी पर हिंदू समुदाय के लोग जहां भोजशाला में दिनभर पूजा करने की मांग कर रहे थे, वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग जुम्मे की नमाज अदा करना चाहते हैं. बसंत पंचमी 12 फरवरी की है.
छावनी में तब्दील भोजशाला
भोजशाला का ये इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है. जगह-जगह बेरिकेडिंग की जा रही है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद है. 12 फरवरी को लेकर भोजशाला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम अभी से किए जाने लगे हैं. कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है.
पहले भी होता रहा है विवाद
पहले भी बसंत पंचमी और शुक्रवार एक ही दिन पड़ने पर भोजशाला में तनाव बढ़ता रहा है. विवाद की वजह यह है कि एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह स्थान सरस्वती मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे इबादतगाह बताता है.