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वसंत पंचमी के मौके पर मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला में पूजा और नमाज को लेकर बढ़े तनाव और प्रशासन के पहरे के बीच 25 मुस्लिमों ने दोपहर एक बजे नमाज अता की. भोजशाला में इस दौरान हिंदुओं को रुकने की इजाजत नहीं थी. नमाज खत्म होने के करीब 20 मिनट बाद प्रशासन ने हिंदुओं को दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति दी.
भोजशाला में पूरे दिन अखंड पूजा पर अड़े हिंदू संगठन और पूजा समिति ने भोजशाला के बाहर हवन करना शुरू कर दिया था. शहर काजी ने प्रशासन से मुस्लिम समुदाय की सुरक्षित नमाज की मांग की थी. किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए 10 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
धरने पर बैठे शंकराचार्य
भोजशाला को लेकर ठने विवाद के विरोध में सुमेरु मठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने धरना शुरू कर दिया है. शंकराचार्य का धरना सरकार के उस फैसले के खिलाफ है जिसमें मुस्लिमों को दोपहर में नमाज की अनुमति दी गई है.
एएसआई ने दिया है भोजशाला खाली करने का आदेश
एएसआई ने आदेश दिया था कि हिंदुओं को भोजशाला दिन में 12 से साढ़े तीन बजे तक खाली करनी पड़ेगी. जबकि शहर काजी ने सरकार पर उनके समुदाय से बात नहीं करने का आरोप लगाया है. प्रशासन ने धार को छावनी में तब्दील कर दिया है और ड्रोन कैमरों से पूरे इलाके पर नजर रखी जा रही है.
पुलिस अधिकारियों ने किया रिहर्सल
इन सब के बीच किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए धार की भोजशाला में गुरुवार को पुलिस के अधिकारीयों ने रिहर्सल की. शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. हालांकि, भोज उत्सव समिति ने सरकार को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी कि वो तो पूरे दिन अखंड पूजा करेंगे. समति के महामंत्री हेमंत दोराया ने कहा कि यदि सरकार नमाज करवाएगी तो कोई भी हिंदू अंदर प्रवेश नहीं करेगा.
उधर, पुलिस धार में हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रख रही है. आईजी दिलीप आर्य ने बताया कि नमाज और पूजा के आयोजन के लिए 10000 से ज्यादा पुलिस बल तैनात किए गए हैं. भोजशाला के आसपास 150 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और कैमरे से नजर रखी जा रही है.
'भोजशाला न तो मंदिर है न ही वहां कोई मूर्ति'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'भोजशाला में जहां वर्षों से नामज पढ़ी जाती है, वहां न तो कोई मंदिर है और न ही कोई मूर्ति. फिर वीएचपी और दूसरे हिंदू संगठन वहां किस आधार पर पूजा की बात कर रहे हैं.'