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हैकर मनीष भंगाले ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की याचिका, दाऊद-खडसे लिंक की CBI जांच की मांग की

भंगाले ने दावा किया था कि दाऊद इब्राहिम के कराची स्थ‍ित घर के लैंडलाइन फोन से एकनाथ खडसे के नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बार-बार कॉल की गई थी. भंगाले ने पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड का बिल पेश कर यह दावा किया था.

रोहित गुप्ता/राहुल कंवल
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2016,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहि‍म और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के फोन कनेक्शन का सबूत पेश करने वाले वडोदरा के एथ‍िकल हैकर मनीष भंगाले ने अब इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. भंगाले ने खडसे के ख‍िलाफ सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.

भंगाले ने दावा किया था कि दाऊद इब्राहिम के कराची स्थ‍ित घर के लैंडलाइन फोन से एकनाथ खडसे के नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बार-बार कॉल की गई थी. भंगाले ने पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड का बिल पेश कर यह दावा किया था.

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सबूतों को मिटाने की कोश‍िश
भंगाले ने कहा कि वे दाऊद के कराची के लैंडलाइन नंबर की कॉल डिटेल्स 18 मई को मुंबई पुलिस की क्राइम बांच को दे चुके हैं, लेकिन तब से अब तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ. भंगाले ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके ईमेल को नष्ट करने ओर डाटा मिटाने का प्रयास किया, ताकि उनके द्वारा जुटाए गए इलैक्ट्रॉनिक प्रमाण बर्बाद किए जा सकें.

कहा- मेरी जान को खतरा है
इस एथ‍िकल हैकर ने अपनी जान को खतरा भी बताया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस खडसे को क्लीन चिट देने की जल्दी में है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा, 'जलगांव के पुलिस सुपरिटेंडेंट ने राजस्व मंत्री के नाम पर मोबाइल कंपनी से क्लीन चिट ले ली और मीडिया से कह दिया कि कुछ गलत नहीं हुआ. जबकि पुलिस सुपरिटेंडेंट ने राजस्व मंत्री की मोबाइल कंपनी के पास जाने से पहले मेरा कोई बयान रिकॉर्ड नहीं किया और न ही मुझसे कोई डाटा लिया.'

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'पुलिस और इंटेलीजेंस एजेंसियों ने मुझसे किनारा कर लिया'
बॉम्बे हाईकोर्ट फिलहाल गर्मी की छुट्टियों के चलते बंद है, लेकिन भंगाले ने वेकेशन ब्रांच से इस मामले में तुरंत सुनवाई करने की अपील की है और अपनी जान को खतरा बताया है. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपना करियर, अपने परिवार और अपनी खुद की जिंदगी को दांव पर लगा दिया. मेरी जान को खतरा है, पुलिस और इंटेलीजेंस एजेंसि‍यों ने उदासीनता दिखाते हुए मुझसे किनारा कर लिया है, जिससे देशहित में किए गए अपने कारनामे पर मैं पछतावा करने पर मजबूर हो गया हूं.

बॉम्बे हाई कोर्ट सोमवार को यह तय करेगा कि भंगाले की याचिका पर कब सुनवाई होगी.

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