
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम न आने के बाद इसको लेकर तरह-तरह की बातें होने लगी हैं. एनआरसी को लेकर चुनाव आयोग ने साफ किया है कि जिन लोगों का नाम इस सूची में नहीं है, उनका वोटिंग का अधिकार अपने आप खत्म नहीं होगा. क्योंकि ये अधिकार चुनाव कानून के तहत उन्हें मिला है.
एनआरसी ड्राफ्ट आने के बाद अगले एक महीने में इन सभी 40 लाख व्यक्तियों को सूचित कर दिया जाएगा कि क्यों उनका नाम इस ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं और इसके बाद वे अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि यह एनआरसी का एक मसौदा है. इन 40 लाख लोगों को इस लिस्ट में क्यों शामिल नहीं किया गया है, इसके बारे में अगले महीने पता चलेगा. इसके बाद ये लोग अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी.
ओपी रावत ने बताया कि असम के मुख्य चुनाव आयुक्त आने वाले दिनों में तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपेंगे. इस रिपोर्ट में एनआरसी को लेकर तस्वीर साफ की जाएगी. इसमें इसके विभिन्न पहलुओं पर नजर दौड़ाई जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को असम के इलेक्ट्रोरल रोल से हटाया नहीं जाएगा. क्योंकि ये जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत 3 भागों में शासित है.
उन्होंने बताया कि इन नागरिकों को रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स के सामने ये सुनिश्चित करना होगा कि वे भारत के नागरिक हैं. इससे जुड़े दस्तावेज भी उन्हें दिखाने होंगे. तब ही वे वोटर लिस्ट में बने रह सकेंगे.