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ख्वाजा के दर पर बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की जियारत, अमन के लिए मांगी दुआ

दरगाह के दरवाजे पर हसीना का राजस्थानी अंदाज में रंगारंग स्वागत किया गया. इस मौके पर कच्छी घोड़ी और कालेबेलिया नर्तकों ने अपना हुनर दिखाया. स्वागत से खुश पीएम ने इन कलाकारों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं.

पारंपरिक कलाकारों के साथ शेख हसीना पारंपरिक कलाकारों के साथ शेख हसीना
शरत कुमार
  • अजमेर,
  • 09 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

भारत दौरे के तीसरे दिन बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने रविवार को अजमेर में मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत की. वो गरीब नवाज के दर पर करीब आधा घंटा रुकीं और दुनिया में अमन चैन की दुआ मांगी.

राजस्थानी अंदाज में स्वागत
शेख हसीना सुबह मंत्रियों और अधिकारियों की टीम के साथ जयपुर एयरपोर्ट पहुंचीं. यहां से वो हेलीकॉप्टर के जरिये अजमेर के घूघरा एयरपोर्ट गईं. इसके बाद वो सड़क के रास्ते से दरगाह पहुंचीं. दरगाह के दरवाजे पर उनका राजस्थानी अंदाज में रंगारंग स्वागत किया गया. इस मौके पर कच्छी घोड़ी और कालेबेलिया नर्तकों ने अपना हुनर दिखाया. स्वागत से खुश हसीना ने इन कलाकारों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं.

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बांग्ला में लिखा संदेश
भारत की मेहमान हसीना के स्वागत में दरगाह के पूरे इलाके में रेड कार्पेट बिछाया गया था. दरगाह के खादिम कमीलुद्दीन अपनी सदारत में उन्हें भीतर लेकर गए. बाद में दरगाह कमेटी की तरफ से सभी मेहमानों की दस्तारबंदी की गई. बांग्लादेशी पीएम ने दरगाह की विजिट बुक में बांग्ला भाषा में ये संदेश लिखा- 'ये अल्लाह के वली का दरबार है. यहां आने से रूहानी फैज मिलता है. दिल को सुकून मिलता है. यहां जो भी आता है, मुरादें पाता है. ख्वाजा के दरबार में आने से अल्लाहताला दुआएं कुबूल करता है.'

पूरी हुई पुरानी हसरत
कमीलुद्दीन के मुताबिक शेख हसीना ने बताया कि वो काफी वक्त से ख्वाजा के दर पर आना चाहती थीं. हसीना के मुताबिक वो सूफी विचारधारा से काफी प्रभावित हैं. शेख हसीना अपने परिवार के साथ पहले भी यहां आ चुकी हैं.

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