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CJI ने फिर उठाया जजों की नियुक्ति का मामला, कहा- ऐसे तो 5 करोड़ हो जाएंगे लंबित मामले

न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 12 न्यायाधीश हैं और कम से कम तीन करोड़ मामले अदालतों में लंबित हैं. जजों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है.’

टीएस ठाकुर, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
लव रघुवंशी/BHASHA
  • बिलासपुर,
  • 12 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

न्यायपालिका में रिक्तियों और बड़ी संख्या में लंबित मामलों का मुद्दा एक बार फिर से उठाते हुए चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने रविवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अवश्य तेज किया जाए. सीजेआई ने हाल में कई अवसरों पर अपने भाषणों में इस मुद्दे को उठाया है.

तीन करोड़ मामले लंबित
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 12 न्यायाधीश हैं और कम से कम तीन करोड़ मामले अदालतों में लंबित हैं. जजों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है.’ वह न्यायिक अधिकारियों के पहले राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और राज्य न्यायिक अकादमी ने किया.

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'5 करोड़ तक जाएंगे लंबित मामले'
उन्होंने कहा कि विधि आयोग की 1987 की रिपोर्ट के अनुसार तब 40 हजार न्यायाधीशों की आवश्यकता थी, लेकिन आज भी न्यायाधीशों की संख्या सिर्फ 18000 है. सीजेआई ने कहा कि अगर हालात में सुधार नहीं होता है तो अगले 15-20 साल में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी.

पीएम के समक्ष भी उठाया मसला
ठाकुर ने कहा कि अगले पांच वर्षों में एक लक्ष्य निर्धारित करके नियुक्तियां की जा सकती हैं. ठाकुर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है.

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