
पीएम मोदी की पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के मद्देनजर की जा रही बैठकों को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है कि राज्यों के चुनाव आ गए तो पीएम मोदी तेल की कीमतों पर बैठकें करने लगे हैं. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों की याद तब ही आती है, जब चुनाव आते हैं?
सिंह ने बताया कि इस साल भी पांच राज्यों के चुनाव के पहले 1.5 रुपए की कटौती की गई. 9 दिनों में ही पेट्रोल के दाम 1.22 रुपये और डीजल के दाम 2.51 रुपये बढ़ गए. एक हाथ दिया, दूसरे हाथ लिया!
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि कर्नाटक और गुजरात के चुनाव के दौरान तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ना बंद हो गए थे, लेकिन चुनावों के बाद ही दाम फिर बढ़ा दिए गए.
आरपीएन सिंह के मुताबिक, पहले पेट्रोल के दामों में 2.50 रुपये की कमी की गई. अब दाम फिर वहीं पहुंच रहा है.
आरपीएन सिंह ने आगे कहा कि हम मोदी सरकार से सीधे तौर पर पूछते हैं कि ये 13 लाख करोड़ रुपये की पेट्रोल-डीजल की टैक्स की लूट किस काम में लगाई जा रही है? क्या वो चंद पूंजीपति दोस्तों की जेब में जा रही है? किसके लोन माफ़ हो रहे हैं? डीजल के बढ़ते बोझ से पिस रहा किसान का कर्ज कब माफ होगा?
बता दें कि पीएम मोदी आज देश-विदेश के ऑइल और गैस सेक्टर से जुड़े सीईओ और विशेषज्ञों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली , धमेंद्र प्रधान और नीति आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर राजीव कुमार भी मौजूद हैं.
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि तेज उपभोक्ता देश कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के कारण संसाधनों की गंभीर कमी के साथ ही दूसरे आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
वहीं, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पेट्रोल डीजल पर वैट घटाने या राहत देने से साफ इंकार कर दिया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के पास रेवेन्यू कमाने के पहले ही शराब और पेट्रोल जैसे लिमिटेड रिसोर्सेज हैं और अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई राहत देनी है तो केंद्र सरकार ही दे.
सीएम अमरिंदर का कहना है कि पंजाब के पास ऐसा कोई ऑप्शन मौजूद नहीं है और जिस तरह से पंजाब में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और पंजाब सरकार का अपना भी खर्चा है. ऐसे में स्टेट अपने रेवेन्यू में कमी करने की हालत में फिलहाल नहीं है.