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केजरीवाल सरकार का विवादास्पद फैसला, दो अधिकारियों को आधी सैलरी देने का फरमान

पहले दो सीनियर अधिकारियों को फरमान न मानने के लिए पिछले महीने सस्पेंड करने के बाद अब सत्येंद्र जैन ने उन्हें आधी सैलरी ही देने का एक नया आदेश जारी कर बवाल बनाए रखा है.

ब्रजेश मिश्र/कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपने ही अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा बंद करती दिखाई नहीं दे रही. अपने फैसलों से लगातार विवादों को हवा दे रहे केजरीवाल सरकार के मंत्री ने DANICS अधिकारियों के खिलाफ एक और फरमान जारी किया है.

पहले दो सीनियर अधिकारियों को फरमान न मानने के लिए पिछले महीने सस्पेंड करने के बाद अब सत्येंद्र जैन ने उन्हें आधी सैलरी ही देने का एक नया आदेश जारी कर बवाल बनाए रखा है.

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दरअसल, पिछले महीने की 29 तारीख को दिल्ली के गृह विभाग के दो अधिकारियों यशपाल गर्ग और सुभाष चंद्र को कैबिनेट आदेश का नोटिफिकेशन जारी नहीं करने पर सत्येंद्र जैन ने निलंबित कर दिया था. हालांकि बाद में केंद्र ने दोनों अधिकारियों के निलंबन का आदेश रद्द कर दिया. अब इन्हीं दोनों अधिकारियों की सैलरी कटौती का आदेश अपने ही दस्तखत से जारी कर दिया है.

सामूहिक छुट्टी पर गए थे अधिकारी
पिछले महीने इन दोनों अधिकारियों के निलंबन के बाद ही सरकार और अफसरों में ऐसी ठनी थी कि सभी DANICS और आईएएस अधिकारी 31 दिसंबर को एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर चले गए थे. बात इतने पर ही नहीं रुकी. गृह विभाग के प्रधान सचिव एसएन सहाय ने तो सत्येंद्र जैन को चिट्ठी लिखकर उनकी कार्रवाई पर आपत्ति तक जता दी.

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अब तो मामला यहां तक पहुंच गया है कि जिन अधिकारियों की सैलरी काटी गई है उन्होंने भी वापस सरकार को गुरुवार को लिखकर ये बता दिया कि वो उपराज्यपाल कार्यालय के आदेश के मुताबिक, अब भी दिल्ली सरकार के साथ अपने पदों पर काम कर रहे हैं, इसलिए उनकी सैलरी में कटौती करना सही नहीं है.

एक और विवादित फैसला ये भी
इसके पहले सत्येंद्र जैन ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभाग के जूनियर अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा था कि प्रमुख सचिवों या सचिवों को रिपोर्ट करने की बजाए सीधे उन्हें रिपोर्ट करें. गृह विभाग के अधिकारियों को ये आदेश 11 जनवरी को जारी किया गया जबकि स्वास्थ्य विभाग को 21 जनवरी को आदेश मिला. जैन ने गृह विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसे ही आदेश जारी किए हैं. स्वास्थ्य विभाग के 15 अधिकारियों के बीच कामकाज का बंटवारा किया गया है और उन्हें साफ निर्देश दिए गए हैं कि जहां जरूरी न हो उसके अलावा जूनियर अधिकारी विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव को नहीं बल्कि सीधे मंत्री को ही फाइल दिखाएं.

प्रधान सचिव ने उपराज्यपाल को भी भेजी चिट्ठी
गृह विभाग के प्रधान सचिव एसएन सहाय ने भी इस आदेश के जवाब में सत्येंद्र जैन को एक चिट्ठी लिखी है.प्रधान सचिव ने चिट्ठी में कहा कि ऐसा करने का अधिकार मंत्री के पास है ही नहीं. सहाय ने नियमों का हवाला देते हुए अपनी चिट्ठी में साफ कहा है कि दिल्ली सरकार के एलोकेशन ऑफ बिजनेस रूल 1993 के नियम 4 के मुताबिक, विभाग के सचिव या प्रधान सचिव के पास ही कार्यपालिका के अधिकार हैं. सहाय ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा है कि मंत्री ने गृह विभाग को चार भागों में बांट कर अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन नियम के मुताबिक काम के ऐसे बंटवारे का अधिकार सिर्फ विभाग के मुखिया को है न कि मंत्री को. सहाय ने ये चिट्ठी उपराज्यपाल नजीब जंग को भी भेजी है.

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