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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर चार्जशीट फाइल की है. ईडी की ओर से फाइल की गई चार्जशीट में एयरसेल-मैक्सिस केस का जिक्र किया गया है. इसमें दयानिधि मारन, कलानिधि मारन और चार अन्य का नाम भी शामिल है.
वहीं, दूसरी ओर, लूप टेलीकॉम लिमिटेड (एलटीएल) ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच से जुड़े एक मुकदमे में फंसने के बाद शुक्रवार को विशेष सुनवाई अदालत में कहा कि इस मामले में दूरसंचार अपीलीय न्यायाधिकरण दूरसंचार विभाग के आचरण को ‘परस्पर विरोधी’ करार दे चुका है.
दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के समक्ष दाखिल दूरसंचार विभाग के हलफनामे के संबंधित हिस्से को अदालत के रिकॉर्ड में लेने का अनुरोध करते हुए कंपनी ने दलील दी कि यह दस्तावेज उसके खिलाफ आपराधिक मामले में न्यायिक निर्णय की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
LTL ने दायर किया था हलफनामा
एलटीएल ने कहा कि उसके द्वारा टीडीसैट में दायर एक याचिका के जवाब में दूरसंचार विभाग के जरिए केंद्र सरकार द्वारा यह हलफनामा दाखिल किया गया था. कंपनी ने टीडीसैट में याचिका दायर कर जनवरी, 2008 में विभाग के पास जमा किए गए 1,454 करोड़ रुपये के प्रवेश शुल्क को वापस कराए जाने का आग्रह किया था.
फर्म ने कहा कि टीडीसैट ने पिछले साल 16 सितंबर को उसकी याचिका पर एक फैसला दिया था, लेकिन न्यायाधिकरण ने इस गहराई में जाने से मना किया था कि क्या इस मुद्दे में कोई धोखाधड़ी हुई थी.
अगली सुनवाई 11 को
एलटीएल ने विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी के समक्ष दायर अपने आवेदन में कहा, ‘टीडीसैट ने 16 सितंबर, 2015 को दिए अपने फैसले में यह स्वीकार किया था कि दूरसंचार विभाग का आचरण परस्पर-विरोधी था और उसमें यह निष्कर्ष प्रस्तुत किया गया था कि यदि सुनवाई अदालत में अभियुक्त नंबर 6 (एलटीएल) को दोषी करार दिया जाता है तो उस स्थिति में यही बात दूरसंचार विभाग पर भी लागू होगी. इसका मतलब है कि दूरसंचार विभाग भी मूल रूप से गलत है.’ जज ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जनवरी तय की.