Advertisement

कन्हैया के 'देशद्रोही' नारेबाजी वाले वीडियो से हुई छेड़छाड़!

कन्हैया की 'देशद्रोही' का मामला कोर्ट में है, लिहाजा सच क्या है और गलत क्या, इसका फैसला अदालत करेगी.

वीडियो में उमर खालिद और कन्हैया वीडियो में उमर खालिद और कन्हैया
स्‍वपनल सोनल/राहुल कंवल
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी को लेकर सड़क से सोशल मीडिया तक घमासान मचा हुआ है. बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया के तमाम मंचों पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भाषण की एक क्लिपिंग वायरल हो रही है, जिसमें उसे राष्ट्र विरोधी नारेबाजी देते हुए दिखाया जा रहा है. लेकिन सच्चाई यह है कि यह वीडियो न सिर्फ फैब्रिकेटेड है. जी हां, इसमें 9 फरवरी के देशविरोधी नारों का ऑडियो, कन्हैया के 11 फरवरी के भाषण पर इंपोज किया गया है.

Advertisement

हालांकि, मामला कोर्ट में है, लिहाजा सच क्या है और गलत क्या, इसका फैसला अदालत करेगी . लेकिन जिस ताजा वीडियो को कन्हैया के 'देशद्रोही' होने का सबूत माना जा रहा है और जिसको लेकर सोशल मीडिया में नफरत की आग को सुलगाने की कोशि‍श की जा रही है, असल में गौर से देखने पर वीडियो की कलई खुलकर सामने आ जाती है.

मेल नहीं खाते ऑडियो और वीडियो
दरअसल, इस वीडियो की जांच करने पर पता चलता है कि ऑडियो और विजुअल दोनों मेल नहीं खाते. बताया यह भी जा रहा है कि वीडियो 11 फरवरी का है, जबकि उसमें इस्तेमाल किया गया ऑडियो 9 फरवरी का. यानी वीडियो वह है, जिसमें कन्हैया संघ और बीजेपी के ख‍िलाफ अपनी बात रख रहा है और संघ से आजादी की बात कर रहा है. जबकि ऑडियो वह जिसमें देश विरोधी नारेबाजी की जा रही है.

Advertisement

यानी तकनीक का सहारा लेकर तस्वीर वही रखी गई है, जबकि आवाज बदल जाती है. हालांकि, सोशल मीडिया पर सबूत दिखाया जा रहा है कि 9 फरवरी को देशविरोधी नारे में कन्हैया भी था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement