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गुजरात में संदिग्ध गो-तस्कर की हिरासत में मौत , विरोध में उतरे आदिवासी

खबरों के मुताबिक 26 अप्रैल को खीरोज पुलिस थाने में एक बैल की हत्या को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी. आरोप था कि बैल को मांस को आसपास के गांवों में बकरी और भैंस का मांस बताकर बेचा गया. पुलिस को कोटडा गांव से एक बैल का शव मिला था. इसके बाद एक शख्स को मौके से गिरफ्तार किया गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 06 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:38 PM IST

गुजरात के साबरकांठा जिले में गो-तस्करी के आरोपी एक आदिवासी शख्स ने पुलिस हिरासत में दम तोड़ दिया है. 58 साल के कोदरभाई गमार को गुजरात के गोहत्या पर संशोधित कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. वो जिले में नए कानून के तहत गिरफ्तार होने वाले पहले चार लोगों में एक था. पुलिस ने मौत का केस दर्ज कर लिया है और न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है. गमार के रिश्तेदारों का आरोप है कि उसपर हिरासत में ज्यादती की गई.

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कस्टडी में अचानक बिगड़ी तबीयत
खेडब्रह्मा तालुका के कोटडा गांव के रहने वाले गमार को पुलिस ने 2 मई को गिरफ्तार किया था. पुलिस के मुताबिक वो कस्टडी में गर्मी के चलते खराब तबीयत की शिकायत कर रहा था. जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों से पता चला है कि गुरुवार को बाथरूम से बाहर निकलते ही गमार को उल्टियां शुरू हो गईं और वो बेहोश हो गया. यहां से उसे पहले स्थानीय अस्पताल और बाद में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. आशंका जताई जा रही है कि गमार के दिमाग की नस फटने की वजह से उसकी मौत हुई.

क्या है मामला?
खबरों के मुताबिक 26 अप्रैल को खेरोज पुलिस थाने में एक बैल की हत्या को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी. आरोप था कि बैल को मांस को आसपास के गांवों में बकरी और भैंस का मांस बताकर बेचा गया. पुलिस को कोटडा गांव से एक बैल का शव मिला था. इसके बाद एक शख्स को मौके से गिरफ्तार किया गया. जबकि चार लोग फरार हो गए. इनमें से दो को बाद में पकड़ा गया. स्थानीय अदालत ने इन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा था. इन्हीं 2 लोगों में गमार भी एक था. गुजरात में गोहत्या पर संशोधित कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.

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पुलिसिया जुल्म का शिकार हुआ गमार?

मौत की खबर आने के बाद स्थानीय लोगों ने खेरोज थाने का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों में कई स्थानीय आदिवासी नेता भी शामिल थे. गमार के परिवारवालों का कहना है कि उसकी मौत पुलिसवालों की पिटाई से हुई है. उनकी मानें तो पुलिसकर्मी गमार की रिहाई के बदले 4 लाख रुपये मांग रहे थे. थाने में हंगामा इस कदर बढ़ा कि इलाके के आला पुलिस अफसरों को बीच-बचाव के लिए मौके पर पहुंचना पड़ा.

ग्रेटर नोएडा में गोरक्षा के नाम पर हिंसा
इधर, ग्रेटर नोएडा में भी गोरक्षा के नाम पर दो लोगों की पिटाई का मामला सामने आया है. ये लोग मेहंदीपुर गांव से एक गाय और बछड़ा खरीदकर घर ला रहे थे. रास्ते में उन्हें गोरक्षकों ने पकड़ लिया और उन पर हमला बोल दिया. पुलिस ने 9 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सभी आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.


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