
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले को लखनऊ में रोके जाने पर विवाद जारी है. यूपी पुलिस की महिला अधिकारी (सीओ, हजरतगंज) अर्चना सिंह के बाद अब सीआरपीएफ के आईजी पीके सिंह ने बयान दिया है.
आईजी ने कहा कि सिक्योरिटी वायलेशन ना करने की जानकारी प्रियंका गांधी के स्टाफ को दी गई थी. प्रियंका गांधी के रूट में अचानक बदलाव किया गया था. पूरी घटना पर हमने जानकारी हासिल की है.
इससे पहले अर्चना सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी ने पहले से तय रास्ते से न जाकर दूसरे रास्त पर पहुंच गईं. इसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके काफिले को रोकना पड़ा.
प्रियंका गांधी का गला पकड़ने वाले विवाद से चर्चा के केंद्र में आई पुलिस अधिकारी अर्चना सिंह ने कहा था कि सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का गला पकड़ना और उन्हें गिराने जैसी कुछ भ्रामक बातें प्रसारित किया जा रहा है जो की पूरी तरह झूठी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने ईमानदारी से अपने ड्यूटी को निभाया.
महिला अधिकारी ने दी सफाई
अर्चना सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का जनपद लखनऊ में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसमें मेरी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी. प्रियंका वाड्रा कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय, मॉल एवन्यू से 23/2 कौल हाउस गोखले मार्ग के लिए निकलीं. इस दौरान 1090 चौराहे से निर्धारित मार्ग पर फ्लीट की गाड़ियां जा रही थीं. प्रियंका गांधी वाड्रा की गाड़ी निर्धारित मार्ग पर न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी.'
महिला अधिकारी ने कहा था कि मैंने जानना चाहा कि वो कहां जा रही हैं. इस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया.'
क्या है मामला?
वहीं प्रियंका गांधी ने कहा था कि यूपी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे रोका गया, गला दबाकर पुलिस ने रोका, धकेला. इसके बाद मैं गिर गई. मुझे लेडी पुलिस अधिकारी ने रोका था. इसके बाद मैं एक कार्यकर्ता के साथ स्कूटर पर बैठ कर गई.