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लेट दफ्तर आने वाले रेलवे अफसरों पर 'आधार कार्ड' के जरिए नजर

आदेश के मुताबिक बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली सबसे पहले सभी डिवीजन, जोन, मेट्रो रेल कोलकाता, रेल कार्यशाला, फैक्ट्रीज और उत्पादन इकाइयों में 30 नवंबर तक लगाई जाएगी.

3 नवंबर को जारी किया गया लेटर 3 नवंबर को जारी किया गया लेटर
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

मोबाइल नंबर से लेकर बैंक अकाउंट्स में आधार नंबर की अनिवार्यता को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच रेल मंत्रालय ने इस संबंध में एक नया आदेश जारी किया है. रेलवे अपने कर्मचारियों की अटेंडेंस के लिए आधार सिस्टम का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है.

ये नई प्रणाली 31 जनवरी तक लाने की योजना है. रेल मंत्रालय ने कहा है कि यह देर से आने वाले अपने अधिकारियों पर नजर रखने के लिए सभी 'जोन' और 'डिवीजन' में अगले साल 31 जनवरी तक 'आधार' आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत की जाएगी.  

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ये है पूरा आदेश

रेल बोर्ड ने तीन नवंबर को सभी जोन को इस संबंध में एक पत्र जारी किया है. आदेश के मुताबिक बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली सबसे पहले सभी डिवीजन, जोन, मेट्रो रेल कोलकाता, रेल कार्यशाला, फैक्ट्रीज और उत्पादन इकाइयों में 30 नवंबर तक लगाई जाएगी. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि योजना का उद्देश्य काम पर देर से आने वाले या नहीं आने वालों पर नजर रखना है.

अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि 31 जनवरी 2018 तक रेल जोन और डिवीजन पर बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लग जाने के बाद इस समस्या का हल हो सकता है. वहीं दूसरे चरण में लोक उपक्रमों सहित संबद्ध एवं अधीनस्थ कार्यालय में 31 जनवरी 2018 तक रेलवे के सभी कार्यालयों में इसे लागू किया जाएगा.

फिलहाल यह प्रणाली रेलवे बोर्ड और कुछ जोनल मुख्यालयों में लगी हुई है. बोर्ड के पत्र में यह भी कहा गया है कि बायोमेट्रिक प्रणाली इस तरह से लगाई जाए कि डिवीजनल रेल प्रबंधक कार्यालय इनकी निगरानी कर सके. यह भी निर्देश दिया है कि बायोमेट्रिक मशीन के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.

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