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पत्रकारों पर हमले का मुख्य आरोपी वकील विक्रम सिंह चौहान गिरफ्तार, फिर मिली जमानत

पिछले हफ्ते पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों और जेएनयू के छात्रों-शिक्षकों पर हमलों का चेहरा बन चुके वकील विक्रम सिंह चौहान को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, बाद में विक्रम सिंह चौहान को बेल मिल गई.

आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

पिछले हफ्ते पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों और जेएनयू के छात्रों-शिक्षकों पर हमलों का चेहरा बन चुके वकील विक्रम सिंह चौहान को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, बाद में विक्रम सिंह चौहान को बेल मिल गई.

कोर्ट परिसर में मारपीट का आरोप

बीते 15 और 17 फरवरी को पटियाला हाउस अदालत परिसर में कुछ वकीलों की ओर से पत्रकारों और छात्रों पर किए गए हमले के दौरान चौहान की तस्वीरें कैमरे में कैद हुई थीं. उसे हमलावर वकीलों की अगुवाई करते देखा गया था. सम्मन जारी किए जाने के छह दिन बाद चौहान बुधवार को पुलिस के सामने पेश हुआ. चौहान सहित हमला करने वाले वकीलों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई न होने के विरोध में कई प्रदर्शन हुए थे.

 

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आज तक के स्टिंग के बाद हुई थी गिरफ्तारी
सोमवार को आजतक ने स्टिंग ऑपरेशन दिखाया था जिसमें चौहान को जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पिटाई का दंभ भरते देखा जा रहा था. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया को 17 फरवरी को अदालत में लाया गया था. एक और वकील यशपाल सिंह को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, उसे तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

स्टिंग ऑपरेशन में यशपाल ने कई बातों का खुलासा किया था. उसने कहा था कि कन्हैया की अगली पेशी में फिर हमला करेंगे. यशपाल ने जेल में जाकर मारने की बात भी कही थी. उसने अगली पेशी में पेट्रोल बम फेंकने की कही थी. तीनों वकीलों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने कन्हैया को बुरी तरह पीटा था और इस काम में पुलिस ने भी उनका साथ दिया था.

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SC ने लिया नोटिस
इससे पहले जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर हुए बवाल पर 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन के जरिए वकीलों की पोल खुलने के बाद सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने भी इसे नोटिस में लिया है. मंगलवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण इस मामले में याचिका दायर करें. स्टिंग से हुए खुलासे पर केंद्र सरकार ने मामले को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में रखने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया. जिस पर कोर्ट ने उन्हें एक याचिका दायर करने के लिए कहा है. याचिका दायर होने के बाद कोर्ट 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन को भी देखेगा.

तीन वकीलों ने रची थी साजिश
कोर्ट के भीतर काले कोट वाले विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा ने भरी अदालत में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया के खिलाफ कानून हाथ में ले लिया . 'आज तक' की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने अदालत में कानून के खिलाफ खुली बगावत करने वाले इन तीनों आरोपियों को खोज निकाला. इन तीनों ने खुद ही स्टिंग ऑपरेशन में 15 फरवरी को दिनदहाड़े हमले की साजिश की परत दर परत उधेड़नी शुरू कर दी.

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कन्हैया की हुई थी जमकर पिटाई
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले विक्रम सिंह चौहान के चेहरे से पर्दा उतरा तो उसने पुलिस सुरक्षा की सारी कलई खोलकर रख दी. चौहान ने कैमरे के सामने कहा, 'हमने तीन घंटे तक कन्हैया को पीटा . उसको भारत माता की जय बोलने कहा. उसने नारे लगाए. तब जाकर उसे छोड़ा.' चौहान ने कहा कि उन्होंने कन्हैया को इतना पीटा कि उसकी पैंट गीली हो गई.

पुलिस की थी मिलीभगत
चौहान का सनसनीखेज खुलासा पुलिस पर बड़े सवाल खड़े करती है. क्या पुलिस भी हमले की साजिश में मिली हुई थी और उसका दावा झूठा है कि कन्हैया के साथ मारपीट नहीं हुई. उसे लगी चोटें बहुत मामूली हैं. विक्रम सिंह चौहान का खुलासा बताता है कि अदालत में कन्हैया पिटता रहा और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. चौहान के मुताबिक, 'भारत होगा तो समर्थन मिलेगा. वहां सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे. बुलाए जाने पर उन्होंने यूनिफॉर्म का हवाला दिया.'

बाहर से बुलाए थे लड़के
अदालत में जब वकीलों की गुस्साई भीड़ कन्हैया पर हमला कर रही थी तो इस भीड़ में बाहर से काले कोट में बुलाए गए लोग भी शामिल थे. उन लोगों का इरादा ही था कि देशद्रोह के आरोपी को नहीं छोड़ेंगे. चौहान ने बताया कि द्वारका, रोहिणी जैसी जगहों से कई लड़के हमने बुलाए थे. मैंने फेसबुक पर लिखकर उन्हें बुलाया था. पटियाला हाउस कोर्ट में तो सौ-पचास वकील ही थे. उनमें से आधे तो चालानों में बिजी थे.

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