
खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर गांधी के बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरखे वाली फोटो पर मचे बवाल के बीच पीएमओ ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांग लिया है. 'द इकोनॉमिक्स टाइम्स' की खबर के मुताबिक खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर पीएम मोदी का फोटो बिना पीएमओ की इजाजत के उपयोग किया गया.
बड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मसले से पीएम नाराज हैं. बिना इजाजत सरकारी या प्राइवेट एंटिटी की तरफ से प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले जियो और पेटीएम के विज्ञापनों में भी प्रधानमंत्री की फोटो का बिना इजाजत इस्तेमाल हुआ है.
'पीएम को गरीब से ज्यादा प्रचार की चिंता'
खादी के कैलेंडर पर मोदी की फोटो छपने के बाद से ही विरोधी लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि पीएम की चिंता अपने पीआर कैंपेन पर ज्यादा है. कौन सा कुर्ता पहनना है ? कैसा लगना है? क्या ट्वीट करना है ? और क्या whatsapp करना है ? यही पीएम मोदी की विचारधारा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी इसी मुद्दे को और आगे ले जाते हुए कहा कि गांधी और मोदी की तुलना नहीं हो सकती.
पीएमओ की सफाई
विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पूरे मसले को रफा-दफा करते हुए कहा कि इसमें कोई विवाद उनको नहीं दिखता और गांधी की तस्वीर छपना कोई तय नियम या कानून नहीं है.
बीजेपी ने भी दी सफाई
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा था कि एक गैर मुद्दे को बेवजह तुल दिया जा रहा है. साथ ही दावा किया किया केवीआईसी के कैलेंडरों और डायरी में गांधीजी के चित्रों का इस्तेमाल 1996, 2002, 2005, 2011, 2012 और 2013 में उपयोग नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि केवीआईसी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि केवल गांधीजी के चित्र का ही उपयोग किया जा सकता है.