
मानसून देर से आने का असर खरीफ की बुवाई पर भी पड़ा है. खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई पर प्राइमरी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है. राज्यों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 17 जून को कुल बुवाई क्षेत्र 84.21 लाख हेक्टेयर आंका गया, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 93.63 लाख हेक्टेयर था.
क्या कहते हैं आंकड़े
जानकारी के मुताबिक, 17 जून की तारीख तक 9.17 लाख हेक्टेयर में धान, 3.32 लाख हेक्टेयर में दलहन, 6.01 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज, 1.88 लाख हेक्टेयर में तिलहन , 44.38 लाख हेक्टेयर में गन्ना और 12.25 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है. अगर पिछले साल से तुलना करें, तो धान की बुवाई अबतक 9.17 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में हुई है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 10.19 लाख हेक्टेयर था.
3.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई दलहन की बुवाई
दलहन की बात करें, तो अबतक 3.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 4.53 लाख हेक्टेयर था. कपास की बुवाई इस साल अबतक 12.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 19.66 लाख हेक्टेयर था.
धान की फसल को होगा फायदा
मौसम विभाग का अनुमान है कि मध्य भारत और उत्तर भारत में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होगी. लिहाजा धान की पैदावार इस बार जोरदार रहने का अनुमान जानकार लगा रहे हैं. इसी के साथ पूर्वोत्तर भारत में जूट की फसल भी अच्छे मानसून के चलते बेहतरीन रहेगी. मोटे अनाज की बात करें, तो ज्यादा मानसून होने की स्थिति में इसके बुवाई क्षेत्र में कमी आने का अंदेशा है.