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16 मई को भारत में दस्तक देगा मानसून, तमिलनाडु में तूफान की आशंका

तमिलनाडु के पास समंदर में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है. कम दबाव का क्षेत्र 16 मई तक और ज्यादा ताकतवर होकर डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा.

अमित कुमार दुबे/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

बंगाल खाड़ी में साइक्लोन बनने की आशंका गहरा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक 14 मई को श्रीलंका के पास बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा. इसकी वजह से तमिलनाडु के पास समंदर में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है. कम दबाव का क्षेत्र 16 मई तक और ज्यादा ताकतवर होकर डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा.

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मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह
इससे अंडमान-निकोबार में मानसून की बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा. वेदर सिस्टम के डिप्रेशन बनने के बाद ये सिस्टम और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा, जिससे इसे साइक्लोन में तब्दील होने की खासी संभावना है. इसी आशंका सिलसिले में मौसम विभाग ने तमिलनाडु के मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह दी है.

तमिलनाडु में जोरदार बारिश की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि श्रीलंका के आसपास मानसूनी हवाओं का सिलसिला जल्द ही शुरू हो जाएगा. मानसून की हवाएं बंगाल की खाड़ी में और ज्यादा ताकतवर हो जाएंगी. इससे बारिश को तरस रहे अंडमान निकोबार में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो जाएगा. इसी के साथ मानसून भारत में 16 या 17 तारीख तक दस्तक दे देगा. मौसम विभाग का अनुमान है कि बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहे इस वेदर सिस्टम से तमिलनाडु में 16 तारीख को जोरदार बारिश की संभावना है. खास बात ये है कि 16 मई को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं.

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चक्रवाती तूफान का भी खतरा
मौसम विभाग का अनुमान है कि बंगाल की खाड़ी में बना वेदर सिस्टम तमिलनाडु की ओर बढ़ेगा. इसी के साथ इसकी ताकत में इजाफा होगा और ये एक साइक्लोन में तब्दील हो सकता है. साइक्लोन बनने के बाद तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा. अभी तक जो वेदर मॉडल दिखा रहे हैं उनके मुताबिक साइक्लोन बनने के बाद ये चक्रवाती तूफान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच 19 मई के आसपास तट को पार करेगा. हालांकि ये शुरुआती जानकारी है इससे अगले 48 घंटों में तेज बदलाव हो सकता है. लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि मानसूनी हवाओं के साथ बारिश लेकर आ रहा कम दबाव का क्षेत्र जब और ज्यादा ताकतवर होकर साइक्लोन में तब्दील हो जाएगा तो मानसून का क्या होगा.

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