
बंगाल की खाड़ी में मानसून की हलचल शुरू हो गई है. मौसम विभाग के मुताबिक श्रीलंका के पास बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र 14 मई तक बनने की पूरी संभावना है. कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद वेदर सिस्टम धीरे-धीरे और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा.
झमाझम बारिश होने के आसार
बंगाल की खाड़ी में मानसूनी हवाओं को ज्यादा मजबूती मिलने से ऐसा अनुमान है कि बारिश की कमी से जूझ रहे अंडमान निकोबार में इस वेदर सिस्टम के चलते झमाझम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग डीडीजी और साइक्लोन सेंटर के डायरेक्टर एम महापात्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में हलचल बढ़ी है. ये बात तो तय है कि ये वेदर सिस्टम 14 तारीख तक कम दबाव का क्षेत्र बनकर 16 मई तक तब्दील हो जाएगा.
दक्षिण भारत में 20 मई तक दस्तक दे सकता है मानसून
बंगाल की खाड़ी में मौजूद वेदर सिस्टम को लेकर दुनिया भर की मौसम एजेंसियां अभी तक एकमत नहीं हैं. अमेरिकन वेदर मॉडल ये पूर्वानुमान लगा रहे हैं कि बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा वेदर सिस्टम डीप डिप्रेशन बनकर तमिलनाडु की तरफ जाकर खत्म हो जाएगा. इससे तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के तमाम क्षेत्रों में मानसून की झमाझम बारिश शुरू हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो 20 मई से पहले-पहले मानसून दक्षिण भारत में दस्तक दे देगा.
साइक्लोन के बनने पर शंका
यूरोपियन वेदर मॉडल को ज्यादा विश्वसनीय माना जा रहा है. यूरोपियन वेदर मॉडल के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बनने वाला वेदर सिस्टम धारे-धीरे ताकतवर होकर एक साइक्लोन में तब्दील हो जाएगा. ऐसा हुआ तो ये साइक्लोन भारत की तरफ न आकर बांग्लादेश की तरफ मुड़ जाएगा. लेकिन इस तरह के साइक्लोन की स्थिति में भारत के तमाम इलाकों में जोरदार गर्मी की आशंका बढ़ जाएगी. साथ ही साथ साइक्लोन का बनना और बांग्लादेश की तरफ जाना मानसून के लिए विनाशकारी साबित होगा. इन सब स्थितियों के बीच भारत मौसम विभाग अभई पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है. ऐसा अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों में ये स्थिति पूरी तरह से साफ हो पाएगी कि साइक्लोन बनेगा या नहीं. इसी के साथ ही मानसून के अंडमान निकोबार में दस्तक देने की संभावना भी बढ़ेगी.
अंडमान निकोबार में 16 मई तक मानसून दे सकता है दस्तक
एक अन्य संभावना ये है कि बंगाल की खाड़ी का वेदर सिस्टम सिर्फ डिप्रेशन तक ही ताकतवर हो पाए. अगर ऐसा हुआ तो अंडमान निकोबार में 16 तारीख तक मानसून दस्तक देगा. इसी के साथ मानसून की चाल दक्षिण भारत मे जोरदार तेजी दिखाएगी. लेकिन ये सब अभी संभावनाओं का खेल है. मौसम विभाग के डीडीजीएम बीपी यादव का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. अगले दो दिनों में ये तय हो जाएगा कि आखिरकार ऊंट किस करवट बैठेगा.
वेदर सिस्टम के लिए अगले 24 से 48 घंटे काफी अहम
बंगाल की खाड़ी में बनने वाले वेदर सिस्टम के लिए अगले 24 से 48 घंटे काफी अहम हैं. इस वक्त में भू-मध्यरेखा से आ रही नम हवाएं अपना जोर दिखाएंगी और मानसून को आगे बढ़ाएगीं. दक्षिण भारत के कई इलाकों में इस वजह से मानसून से पहले की बारिश का सिलसिला भी बनेगा.