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अक्टूबर से शुरू हो सकती है 'मोदीकेयर' स्कीम, जानिए 10 खास बातें

प्रधानमंत्री मोदी की नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम अपनी राह पर निकल पड़ी है. जानते हैं इस योजना से जुड़ी 10 खास बातों को जो आम लोगों के लिए बेहतर साबित हो सकता है और 2019 में मोदी की चुनावी वैतरणी को पार कराने में अहम भूमिका निभा सकता है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम यानी आयुष्मान भारत इस साल अक्टूबर से शुरू की जा सकती है. हालांकि इसको लेकर फिलहाल किसी खास तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.

आयुष्मान भारत पर निगरानी रखने के लिए एक अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव भी है. केंद्र सरकार इस स्कीम का 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी खर्च वहन करेगी. केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सत्तारुढ़ एनडीए सरकार की ओर से इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है और इसका असर अगले लोकसभा चुनाव में भी दिख सकता है.

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प्रधानमंत्री मोदी की नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एनएचपीएस) अपनी राह पर निकल पड़ी है. आइए, जानते हैं इस योजना से जुड़ी 10 खास बातों को जो आम लोगों के लिए बेहतर साबित हो सकता है और 2019 में मोदी की चुनावी वैतरणी को पार कराने में अहम भूमिका निभा सकता है.

1. योजना का लक्ष्य 10.7 करोड़ परिवारों या देश की करीब 40 फीसदी आबादी को इससे जोड़ने का है.

2. मोदीकेयर के तहत हर परिवार को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा

3. योजना से जुड़ने वाले परिवारों के सदस्यों की संख्या पर कोई रोक नहीं होगी.

4. इस योजना के तहत किस तरह के परिवारों को फायदा होगा, इसका फैसला आर्थिक आधार पर किया जाएगा.

5. योजना के दायरे में आने वाले परिवारों को सरकारी और चुने हुए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी. साथ ही देशभर में कहीं भी इलाज की सुविधा ली जा सकती है.

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6. आयुष्मान भारत योजना बिल्कुल कैशलेस होगी.

7. इसमें बीमा कवर के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं रहेगी.

8. आयुष्मान योजना के तहत 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे, इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं.

9. देश में नए स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे. साथ ही डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए देशभर में 24 जिला हॉस्पिटलों को अपग्रेड करते हुए मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया जाएगा. जिससे इन मेडिकल कॉलेजों में इलाज के साथ-साथ नए डॉक्टर्स भी तैयार होंगे.

10. प्रीमियम का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा. अभी प्रस्तावित प्रीमियम 1200 रुपए तय किया गया है, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी है.

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