Advertisement

महागठबंधन: पिता से अलग उमर अब्दुल्ला की राय, कहा- राहुल गांधी करें लीड

उमर का कहना है कि हर कोई उम्मीद करेगा कि राहुल गांधी 2019 में चुनाव अभियान में अगुवाई करें लेकिन याद रखना होगा कि सोनिया गांधी यूपीए की नेता हैं. इसलिए कोई भी उम्मीद करेगा कि सोनिया गांधी भी अभियान का हिस्सा होंगी.

उमर अब्दुल्ला और राहुल गांधी उमर अब्दुल्ला और राहुल गांधी
वरुण शैलेश
  • कोलकाता/नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए आगामी चुनाव में विपक्षी एकता की कप्तानी कांग्रेस को मिलने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की राय जुदा-जुदा है. 

उमर का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में कांग्रेस को विपक्षी एकता की धुरी बनना चाहिए और साथ ही वह इस बात की वकातल करते हैं कि राहुल गांधी को इसकी अगुवाई करनी होगी. जबकि दूसरी तरफ उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि कांग्रेस के नेतृत्व में महागठबंधन रूप नहीं ले पाएगा.

Advertisement

आजतक के सीधी बात कार्यक्रम में शनिवार को फारूक अब्दुल्ला से जब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी एकजुटता पर सवाल किया गया तो उन्होंने ऐसी संभावनाओं से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता हूं कि कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन हो सकता है.'

सीधी बात: फारूक अब्दुल्ला बोले- गठबंधन की कैप्टन नहीं होगी कांग्रेस, बनेगा थर्ड फ्रंट

कांग्रेस जिस महागठबंधन के पुरजोर प्रयास में लगी है, उसके स्वरूप पर भले ही फारूक अब्दुल्ला को अंदेशा के बादल छाए नजर आ रहे हों, लेकिन उन्हें लगता है कि बीजेपी के विरोधी दलों का एक थर्ड फ्रंट जरूर बन सकता है. जो मोदी सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है और बीजेपी की सत्ता वापसी की उम्मीदों को चोट दे सकता है.

Advertisement

वहीं फारूक अब्दुल्ला के उलट उनके पुत्र और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्र में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में कांग्रेस को विपक्षी एकता की 'धुरी' और इसके प्रमुख राहुल गांधी को इसका अगुवा बनना होगा.

समाचार एजेंसी 'पीटीआई' के साथ एक इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने कहा, हालांकि अपने राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय नेताओं की जिम्मेदारी इससे कम नहीं होती है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को धुरी बनना पड़ेगा क्योंकि एक विशेष पार्टी से विपक्ष की सीटों का हिस्सा इसी से होगा क्योंकि कई ऐसे राज्य हैं जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होगी.'  

कांग्रेस को केंद्र में लाने की वकालत

उमर ने कहा, 'आखिरकार केंद्र में सरकार बनाने के लिए आपको 272 सीटों की जरूरत होगी जो क्षेत्रीय दलों को मिलने नहीं जा रही. यदि गैर-बीजेपी सरकार बनाने के लिए इस आंकड़े तक नहीं पहुंचते हैं तो आप 100 सीटों के करीब होने के कारण कांग्रेस की तरफ देखेंगे.' अब्दुल्ला ने यहां शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और संभावित विपक्षी मोर्चा पर बातचीत की.

विपक्षी मोर्चा बनाने के लिए प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय दलों के नेताओं का एक वर्ग नहीं चाहता है कि कांग्रेस इसकी अगुवाई करे और वे एक गैर-बीजेपी एवं गैर-कांग्रेस मोर्चा बनाने की बात कर रहे हैं.

Advertisement

राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल का अध्यक्ष होने के नाते वह उम्मीद कर रहे हैं कि वह चुनाव अभियान की अगुवाई करेंगे. उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से, हर कोई उम्मीद करेगा की राहुल गांधी 2019 में चुनाव अभियान में अगुवाई करे लेकिन याद रखना होगा कि सोनिया गांधी यूपीए की नेता हैं. इसलिए कोई भी उम्मीद करेगा कि सोनिया गांधी भी अभियान का हिस्सा होंगी.'  

राहुल पर इसलिए है भरोसा

राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कर्नाटक में सरकार बनाने की कांग्रेस की भूमिका पर उनका उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने काफी परिपक्वता दिखाई है कि पार्टी का आधार कैसे बढ़ाना है. अब्दुल्ला ने कहा, 'वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं. अगर किसी को उनके नेतृत्व के गुण पर संदेह होना चाहिए तो यह उनकी पार्टी को होना चाहिए. उनकी पार्टी को इससे कोई समस्या नहीं है, तब किसी और को आपत्ति क्यों होनी चाहिए.' 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement